बिहार में खुलने लगा काला धन का पिटारा, नोटबंदी के दौरान छुपायी गयी करोड़ों की संपत्ति जब्त

पटना : प्रवर्तन निदेशालय की पटना स्थित इकाई ने गया जिले के कालाधन, धनशोधन से जुड़े एक मामले में 1.53 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की है. निदेशालय से आज प्राप्त जानकारी के अनुसार कालाधन और धनशोधन के खिलाफ एक बडी कार्रवाई में निदेशालय की पटना इकाई ने 1.53 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 3, 2020 7:05 AM

पटना : प्रवर्तन निदेशालय की पटना स्थित इकाई ने गया जिले के कालाधन, धनशोधन से जुड़े एक मामले में 1.53 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की है. निदेशालय से आज प्राप्त जानकारी के अनुसार कालाधन और धनशोधन के खिलाफ एक बडी कार्रवाई में निदेशालय की पटना इकाई ने 1.53 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की. यह मामला गया जिले के जीबी रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया की एक शाखा से जुड़ा है.

मुजफ्फरपुर स्थित मां तारा एजेंसी के मालिक राजेश अग्रवाल और नयी दिल्ली स्थित मैसर्स हरिकृपा के मालिक आर के गुप्ता के नाम पर उक्त बैंक शाखा में नोटबंदी के दौरान धनराशि जमा करायी गयी थी. पीएमएलए की धारा पांच के तहत जब्त संपत्ति में मुजफ्फरपुर और नयी दिल्ली में बैंक खातों में जमा राशि और मुजफ्फरपुर में दो फ्लैट और एक घर भी शामिल है. जांच के दौरान पाया गया था कि बैंक ऑफ इंडिया की उक्त शाखा के कर्मियों ने कुछ व्यवसायियों के साथ मिलकर बैंक खाते का दुरुपयोग करके कुछ लोगों के खाते में भारी मात्रा में चलन से बाहर किये गये नोट जमा कराये थे.

जांच के क्रम में पाया गया कि इन दोनों व्यक्तियों के खाते में करीब 1.46 करोड रुपये बिना उनकी जानकारी और सहमति के जमा किये गये थे. इस मामले में बैंक कर्मियों और धनशोधन में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की जांच जारी है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करके मामले की जांच शुरु की थी.

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