पटना राजीव नगर : कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं लोगों की निगाहें, छापेमारी जारी

तीन वर्ष पहले बंदोबस्त की आयी थी योजना, जिसने फाॅर्म भरा, उसको भी एनओसी नहीं दे पाया आवास बोर्ड पटना : भले ही एक बार फिर से दीघा भूमि अधिग्रहण मामला विवाद गरमा गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि आवास बोर्ड अपनी स्टैंड को सही ढंग से नहीं रख पा रहा है. बिहार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 10, 2017 9:35 AM
तीन वर्ष पहले बंदोबस्त की आयी थी योजना, जिसने फाॅर्म भरा, उसको भी एनओसी नहीं दे पाया आवास बोर्ड
पटना : भले ही एक बार फिर से दीघा भूमि अधिग्रहण मामला विवाद गरमा गया है. इसकी बड़ी वजह यह है कि आवास बोर्ड अपनी स्टैंड को सही ढंग से नहीं रख पा रहा है. बिहार राज्य आवास बोर्ड ने तीन साल पहले भी इस विवाद को सुलझाने के लिए पूरे 1024.25 एकड़ को दो भागों में बांट कर कैबिनेट से स्वीकृत योजना लाकर स्थायी निदान की पहल की थी.
लेकिन, इसे अंजाम तक नहीं ले जाया जा सका. हालांकि, उस समय भी स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. बोर्ड की ओर से योजना का प्रचार-प्रसार नहीं किये जाने से दो तीन बार तारीख बढ़ाने के बाद ही योजना बंद हो गयी. दो तरह के स्कीमों में पांच सौ से कम लोगों ने ही भाग लिया, लेकिन जिन लोगों ने योजना में भाग लिया था उन्हें भी आवास बोर्ड अब तक एनओसी नहीं दे पाया. सरकारी मशीनरी की सुस्त चाल से लोगों में विश्वास नहीं जम पाया और बोर्ड की पहल फेल हो गयी. अब बोर्ड की स्कीम असफल होने के बाद बोर्ड ने एक नया तरीका खोजा है. जो राशि मिले उसे टाउनशिप के लोगों को दिया जाये और टाउनशिप की योजना बढ़ायी जाये.
क्या थी स्कीम, अब तक कहां पहुंचा है मामला
दीघा अर्जित भूमि अधिनियम 2013 के तहत पूरे भू-भाग को बंदोबस्त के लिए सितंबर, 2014 में आवास बोर्ड ने तीन तरह के फाॅर्म निकाले थे. इसमें एक तरफ पैसा लेकर भूमि को अधिग्रहण मुक्त करना था.
वहीं, दीघा अाशियाना के पश्चिम टाउनशिप बनाने की योजना थी व तीसरा फाॅर्म जो वर्षों पहले टाउनशिप के लिए लोगों ने पैसा जमा किये थे उनको राशि लौटाने का विकल्प दिया गया. स्कीम के तहत दीघा अाशियाना के पूर्व में 600 एकड़ को औसतन 7 लाख प्रति कट्ठा की दर से राशि लेकर राजीव नगर सहित आसपास के निर्माणों को वैध कर देना था. तब कुल 55 लोगों ने फाॅर्म जमा किया था. 41 फाॅर्म वैध पाये गये थे. इन लोगों को लगभग 12 करोड़ रुपये की डिमांड दी गयी थी, लेकिन कुछ लोगों ने ही आंशिक राशि जमा की और अब तक इन लोगों को एनओसी नहीं दिया गया. गौरतलब है कि इस क्षेत्र में दस हजार से अधिक लोग रहते हैं.
इस स्कीम के तहत दीघा अाशियाना के पश्चिम 400 एकड़ में टाउनशिप का निर्माण करना था. इसके लिए आवास बोर्ड भूमि अधिग्रहण करता. लोगों को औसतन 27 लाख प्रति कट्ठा की दर से राशि भुगतान करता. तब तक इस क्षेत्र में पांच सौ से अधिक घर बन चुके थे. मात्र 150 लोगों ने फाॅर्म भरा. इनकी मापी करायी गयी, लेकिन किसी को राशि नहीं मिली.
वैसे लोग जो पुराने स्कीम के तहत आवास बोर्ड के आवंटी बने थे. उन्हें आवास बोर्ड आठ फीसदी की दर से पैसा लौटाता. इसके लिए 190 लोगों ने दावा किया. सौ लोगों को आवास बोर्ड पैसा लौटा चुका है.
राजीवनगर व दीघा इलाके में छापेमारी जारी
पटना. अधिग्रहित की गयी विवादित जमीन को लेकर हुए हंगामा, पत्थरबाजी व आगजनी मामले में पुलिस की तफ्तीश और छापेमारी जारी है. इस मामले में राजीवनगर और दीघा इलाके में एसआइटी की टीम ने छापेमारी की है. घुड़दौड़ रोड, पॉलसन रोड, पाटीपुल एरिया में पुलिस ने छापेमारी की है. लेकिन यहां से किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. कई लोग फरार चल रहे हैं.
नित्यानंद से मिले लोग
वहीं स्थानीय विधायक संजीव चौरसिया के नेतृत्व में शनिवार को राजीव नगर के लोगों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय से मुलाकात की. इस दौरान लोगों ने पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने व आवास बोर्ड की कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांगी की. इस दौरान चंद्रेश्वर मुखिया, प्रमोद कुमार तथा जिसके भूखंड पर मामला विवादित हुआ था अचल कुमार मौजूद थे.
कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं लोगों की निगाहें
पटना : राजीव नगर विवाद के बाद स्थानीय निवासियों ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया है. विवाद के चार दिनों बाद स्थानीय निवासी शांत हैं. विभागीय मंत्री व भाजपा नेताओं से मिलने का प्रयास कर मामले को शांत करने व आवास बोर्ड कार्रवाई नहीं करे, इसकी गुहार लगायी जा रही है. वहीं दूसरी तरफ लोगों ने न्यायालय का भी सहारा लिया है.
बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी, इस आधार पर अधिग्रहण रद्द करने की गुहार लगायी गयी है. वहीं, विवाद के बाद जब तक इस मुद्दे पर हाईकोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक आवास बोर्ड कोई कार्रवाई नहीं करे, इसके लिए भी याचिका दायर की गयी है. जानकारी के अनुसार कार्रवाई पर रोक के लिए सोमवार को सुनवाई होने वाली है. जबकि, अधिग्रहण मुक्ति के लिए चार अक्तूबर को सुनवाई होगी. अब राजीव नगर व आसपास के लोग उसी पर आसरा कर आगे की रणनीति बना रहे हैं.

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