# triple Talaq : एक साथ तीन तलाक पर रोक मुस्लिम महिलाओं की बड़ी जीत

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष सीमा सक्सेना ने एक साथ तीन तलाक की कुप्रथा पर माननीय उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं के साथ होनेवाली नाइंसाफी का अंत हुआ है. सीमा सक्सेना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 23, 2017 12:03 AM

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष सीमा सक्सेना ने एक साथ तीन तलाक की कुप्रथा पर माननीय उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं के साथ होनेवाली नाइंसाफी का अंत हुआ है. सीमा सक्सेना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को राजनीतिक या मजहबी फैसले के नजरिये से नहीं, बल्कि सामाजिक नजरिये से देखे जाने की जरूरत है. ये एक संवेदनशील मसला है. कुछ स्वार्थी व कट्टरपंथी लोगों की वजह से पूरे के पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को लंबे अरसे से कुचला जा रहा था. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से छह महीने में एक साथ तीन तलाक के मुद्दे पर कानून बनाकर स्थायी रोक की बात कही है, जो एक उचित कदम होगा।

रालोसपा महिला अध्यक्ष ने कहा कि एक साथ तीन तलाक को न मुस्लिम मजहबी कानून की मान्यता, न संवैधानिक मंजूरी और न ही सामाजिक स्वीकृति ही थी, इसके बावजूद इसे महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता रहा, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. सीमा सक्सेना ने इस फैसले का पूरे देश में एक स्वर से स्वागत किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से मुस्लिम समाज ने इस फैसले का स्वागत किया है. यह आने वाले वक्त में एक बहुत बड़े बदलाव का प्रतीक है. एक साथ तीन तलाक कई बार आवेश में लिया गया फैसला हुआ करता था, जिसका शिकार महिला को पूरी जिंदगी के लिए बनना पड़ता था. यह सोचनेवाली बात है कि तलाकशुदा महिला अपने बच्चों के साथ आखिर कहां जाए, कहां रहे. क्योंकि, तलाक देने के बाद उनके पतियों को कोई गुजारा भत्ता भी नहीं देना होता था. इसी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक भी करार दिया, क्योंकि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है. उन्होंने इस केस की याचिकाकर्ता शायरा बानो को भी बधाई दी.

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