तीन तलाक सहित कई मुद्दों पर गरजे गिरिराज, कहा-घुसपैठियों को बाहर करना देश की जरूरत

नवादा : कांग्रेस सरकार की बुजदिली व कायरता के कारण नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को जारी नहीं किया जा सका था. केंद्र की मोदी सरकार ने इसे जारी करने का साहस किया है. 1971 में इंदिरा गांधी तथा 1985 में राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में इसकी आवश्यकता महसूस की थी, लेकिन मुस्लिम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 14, 2018 10:13 AM

नवादा : कांग्रेस सरकार की बुजदिली व कायरता के कारण नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को जारी नहीं किया जा सका था. केंद्र की मोदी सरकार ने इसे जारी करने का साहस किया है. 1971 में इंदिरा गांधी तथा 1985 में राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में इसकी आवश्यकता महसूस की थी, लेकिन मुस्लिम तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण इसे जारी नहीं किया जा सका. उक्त बातें नवादा में केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते सोमवार को हुए कहीं.

उन्होंने कहा कि असम की सरकार ने जनभावना को देखते हुए अवैध रूप से रह रहे 45 लाख घुसपैठियों की सूची जारी की है. असम के बाद बिहार, बंगाल सहित जहां भी घुसपैठिये और रोहिंग्या रह रहे हैं, उनकी पहचान कर एनआरसी जारी करने की जरूरत है. देश की आबादी 135 करोड़ का आंकड़ा पार गयी है. दुनिया की 18 प्रतिशत आबादीवाले देश के पास केवल 2.2 प्रतिशत जमीन है. ऐसे में घुसपैठ नहीं हटा, तो आनेवाले दिनों में संसाधनों के लिए आपसी संघर्ष बढ़ेगा.

केंद्रीय मंत्री ने तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने देने पर कांग्रेस को दोषी बताते हुए कहा कि महिला हितों पर कांग्रेस का दोहरा चेहरा सामने आया है. हिंदुओं के लिए अलग और मुसलमानों के लिए अलग महिला हित की बात कांग्रेस ही सोच सकती है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक और हलाला जैसे सामाजिक बंधनों को समाप्त करने की बात कही. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है और यदि जरूरत पड़ी, तो सरकार इसके लिए अध्यादेश भी लायेगी. केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा सत्र को समरसता सत्र बताते हुए एससी/एसटी अधिकारों को संवैधानिक मान्यता देने में प्रधानमंत्री मोदी के फैसलों का जिक्र किया. उन्होंने कांग्रेस के एक नेता द्वारा तीन तलाक से भगवान श्रीराम और माता सीता को जोड़े जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि देश में हिंदू वोट बैंक नहीं है. यही कारण है कि हमारी आस्था को कोई भी ठेस पहुंचा देता है.

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