जेल जाने के आरोप में लिपिक निलंबित

नालंदा : राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल के लिपिक मनोज कुमार को शराब पीना महंगा पड़ा. सात दिन जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली. शनिवार को सिविल सर्जन नालंदा ने इसी आरोप में मनोज कुमार को निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनौत बनाया गया है. सिविल सज्रन के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2017 12:44 AM

नालंदा : राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल के लिपिक मनोज कुमार को शराब पीना महंगा पड़ा. सात दिन जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली. शनिवार को सिविल सर्जन नालंदा ने इसी आरोप में मनोज कुमार को निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनौत बनाया गया है. सिविल सज्रन के आदेश के अनुपालन में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ उमेश चंद्र ने निलंबित क्लर्क मनोज कुमार को तत्काल प्रभाव से विरमित भी कर दिया.

उन्हें 24 घंटे के अंदर हरनौत पीएचसी मेें योगदान करने का आदेश दिया गया है. बताया जाता है कि मनोज कुमार अपने पांच साथियों के साथ बनारस गये थे. बनारस जाने या बनारस से आने के दौरान कैमूर जिले के मोहनिया में वाहन चेकिंग के दौरान सभी शराब के नशे में पकड़े गये. यह कार्रवाई उत्पाद विभाग की टीम ने की थी.

शराब के नशे में पकड़े गये सभी लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां ब्रेथ एनालाइजर मशीन से सबों की जांच की गयी. जांच के दौरान शराब पीने की पुष्टि की गयी. मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद क्लर्क मनोज कुमार और उनके अन्य साथियों को कैमूर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में न्यायिक कार्रवाई के लिए भेज दिया गया. न्यायालय ने मनोज समेत सबों को जेल भेज दिया. सात दिनों तक जेल में रहने के बाद उन सबों को कोर्ट से जमानत मिल गई. सभी अपने अपने घर आ गये और अपने अपने काम धंधे में जुट गये. बताया जाता है कि जितने लोग गिरफ्तार हुए थे, उनमें केवल मनोज कुमार ही सरकारी कर्मी थे. सिविल सर्जन के इस कार्रवाई से शराब सेवन करने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया हे. बताया जाता है कि निलंबित लिपिक के खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं.

Next Article

Exit mobile version