अधिगृहीत भूमि के महज 12 किसानों को ही मिला अवार्ड

नालंदा : भू-अर्जन विभाग द्वारा जुआफर बाजार मिडिल स्कूल में आयोजित दो दिवसीय शिविर में बड़गांव पंचायत के मात्र 12 किसानों को अधिग्रहीत भूमि के एवज में अवार्ड का भुगतान किया गया. सिलाव-नूरसराय पथ निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि का अवार्ड भुगतान के लिए डीएम योगेंद्र सिंह के आदेश पर विशेष शिविर का आयोजन किया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2019 7:30 AM

नालंदा : भू-अर्जन विभाग द्वारा जुआफर बाजार मिडिल स्कूल में आयोजित दो दिवसीय शिविर में बड़गांव पंचायत के मात्र 12 किसानों को अधिग्रहीत भूमि के एवज में अवार्ड का भुगतान किया गया. सिलाव-नूरसराय पथ निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि का अवार्ड भुगतान के लिए डीएम योगेंद्र सिंह के आदेश पर विशेष शिविर का आयोजन किया गया था.

शिविर में पहले दिन आठ और दूसरे दिन चार किसानों को अवार्ड दिया गया. शिविर में किसान तो बड़ी संख्या में पहुंचे, लेकिन अधिकारी नदारद रहे. एलपीसी नहीं होने के कारण बिना अवार्ड लिये उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. इस सड़क निर्माण के लिए बड़गांव पंचायत के 22.755 एकड़ जमीन का अधिग्रहण सरकार द्वारा किया गया है.
इनमें 1.88 एकड़ आम गैरमजरूआ और 1. 3275 एकड़ मालिक गैरमजरूआ जमीन है. इस सड़क के लिए बड़गांव पंचायत के विभिन्न गांव के 231 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया. किसानों को अवार्ड का शीघ्र भुगतान हो इसलिए इस शिविर का आयोजन किया गया था.
नियमानुकूल अवॉर्ड लेने वाले किसानों को संबंधित जमीन का एलपीसी और मालगुजारी रसीद लेकर शिविर में आना था. लेकिन अंचल कार्यालय से संबंधित किसानों को एलपीसी निर्गत नहीं करने के कारण सभी लाभुकों को अवार्ड का भुगतान नहीं किया जा सका. ज्ञात हो कि किसानों को अवार्ड का भुगतान नहीं होने के कारण सड़क निर्माण कार्य ठप है.
शीघ्र सड़क निर्माण कार्य पूरा करने के लिए डीएम ने शिविर लगाकर अधिग्रहित भूमि के स्वामियों को अवार्ड भुगतान करने का आदेश दिया था. एलपीसी निर्गत नहीं होने के कारण अवार्ड भुगतान में अनावश्यक विलंब हो रहा है. दामनखंधा के किसान अरविंद कुमार की शिकायत है कि सीओ द्वारा बिना अवार्ड पेपर के एलपीसी निर्गत नहीं किया जाता है. वहीं जिला भू-अर्जन द्वारा बिना एलपीसी अवार्ड नहीं दिया जा रहा है.
किसान अंचल कार्यालय और भू-अर्जन कार्यालय की चक्की में पीसे जा रहे हैं. वहीं सिलाव- नूरसराय पथ के निर्माण में अनावश्यक विलंब होने से जिला प्रशासन और सरकार की किरकिरी हो रही है. कुछ खेसरा की जमीन विवादित है. वैसे किसानों को अवार्ड के लिए संबंधित जमीन का दस्तावेज जिला भू अर्जन कार्यालय में प्रस्तुत करने का सुझाव दिया गया है.

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