बालूमक्खी पर नियंत्रण को हिलसा में लगाया गया इनसेक्ट ट्रैपर यंत्र

बिहारशरीफ : कालाजार पर नियंत्रण के लिए राज्य कालाजार विभाग की ओर से ठोस कदम उठाया गया है. कालाजार की उत्पतिकारक बालूमक्खी पर नियंत्रण करने के लिए पहल की गयी है. आरएमआरआइ, पटना ने नालंदा जिले के हिलसा (बलवापर) गांव में इनसेट ट्रैपर यंत्र लगाया गया है. इस ट्रैपर में लगी रेड लाइट से आकर्षित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 6:26 AM

बिहारशरीफ : कालाजार पर नियंत्रण के लिए राज्य कालाजार विभाग की ओर से ठोस कदम उठाया गया है. कालाजार की उत्पतिकारक बालूमक्खी पर नियंत्रण करने के लिए पहल की गयी है. आरएमआरआइ, पटना ने नालंदा जिले के हिलसा (बलवापर) गांव में इनसेट ट्रैपर यंत्र लगाया गया है.

इस ट्रैपर में लगी रेड लाइट से आकर्षित होकर बालूमक्खी ट्रैपर में प्रवेश करेगी. बाद में इस मक्खी पर विशेषज्ञ द्वारा रिसर्च किया जायेगा. आरएमआरआइ की 15 सदस्यीय टीम गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर नालंदा पहुंची.
टीम ने बलवापर जाकर लगाया इनसेक्ट ट्रैपर : आरएमआरआइ, पटना की टीम जिला मलेरिया विभाग के पदाधिकारियों के साथ हिलसा व बिहारशरीफ का दौरा किया. टीम सबसे पहले हिलसा प्रखंड क्षेत्र के बलवापर गांव पहुंची. टीम में आरएमआरआइ, पटना के कालाजार विशेषज्ञ डॉ दिवाकर ने बलवापर गांव में बालूमक्खी पर नजर रखने के उद्देश्य से इनसेट ट्रैपर यंत्र लगाया.
इस यंत्र की विशेषता यह है कि इसमें लगी रेड कलर की लाइट जलने के बाद इससे प्रभावित होकर बालूमक्खी इस ओर आकर्षित हो जाती है. लिहाजा बालूमक्खी लाइट के प्रभाव में आकर स्वयं ट्रैपर की चपेट में आकर यंत्र में फंस जायेगी. जिला मलेरिया विभाग की सलाहकार रीना कुमारी व मलेरिया इंस्पेक्टर चितरंजन कुमार ने बताया कि बालूमक्खी ही कालाजार की उत्पतिकारक है.
बिहारशरीफ में दवा छिड़काव का टीम ने लिया जायजा : सलाहकार रीना कुमारी व मलेरिया इंस्पेक्टर चितरंजन ने बताया कि टीम में शामिल अधिकारी डॉ दिवाकर व अन्य सदस्यों ने बिहारशरीफ के रामचंद्रपुर में चल रहे दवा छिड़काव के कार्य का भी जायजा लिया.
छिड़काव कार्य पर टीम ने संतुष्टि जतायी. इस टीम में पांडेचेरी के कालाजार रिसर्च के प्रशिक्षु छात्र भी शामिल थे. इन छात्रों ने भी छिड़काव कार्य को देखा. मौके पर जिला मलेरिया प्रयोगशाला के एलटी सुभाष कुमार, कर्मी संजय कुमार, केटीएस मृत्युंजय आदि मौजूद थे.
कालाजार पर नियंत्रण के लिए की गयी पहल
ट्रैपर की लाइट से प्रभावित होकर ट्रैपर में पहुंचेगी मक्खी
आरएमआरआइ की टीम ने लगायी मशीन
15 सदस्यीय टीम हिलसा व बिहारशरीफ का किया दौरा
आशा करेंगी यंत्र की देखभाल, टीम को देंगी सूचना
उन्होंने बताया कि इस यंत्र की देखभाल की जिम्मेवारी वहां की आशा को दी गयी है. यंत्र के अंदर आने वाली मक्खी की सूचना आशा आरएमआरआइ, पटना को देंगी. सूचना के बाद आरएमआरआइ, पटना की टीम पुन: बलवापर जायेगी और यंत्र में फंसी बालूमक्खी पर कालाजार के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक अपना रिसर्च करेंगे.
मालूम हो कि नालंदा जिले में इस वर्ष अब तक कालाजार के कुल सात मरीज प्रतिवेदित हो चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा हिलसा प्रखंड क्षेत्र में ही छह रोगी चिह्नित हुए हैं.
छह में एक पीकेडीएल का रोगी भी शामिल है. बलवापर गांव में भी इस बार कालाजार के रोगी चिह्नित हुए हैं. चिह्नित अब तक सभी रोगियों का इलाज किया जा चुका है. सात में से एक नगरनौसा में रोगी चिह्नित हुआ है. कालाजार पर नियंत्रण के लिए जिले के 12 प्रखंडों के चिह्नित 33 गांवों में इन दिनों माइक्रोप्लान के तहत दवा का स्प्रे भी कराया जा रहा है.

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