जिले के 14 बालू घाटों पर माफिया का कब्जा

बिहारशरीफ : जिसकी लाठी उसी की भैंस. यह कहावत नालंदा जिले के विभिन्न बालू घाटों से हो रहे अवैध बालू उठाव पर सटीक बैठती है. यहां बालू घाटों पर नियमों की अनदेखी कर बिना चालान के ही ओवर लोडेड वाहनों को छोड़ा जाता है. यदि चालान दिया भी जाता है तो वह जाली होता है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 26, 2017 4:55 AM

बिहारशरीफ : जिसकी लाठी उसी की भैंस. यह कहावत नालंदा जिले के विभिन्न बालू घाटों से हो रहे अवैध बालू उठाव पर सटीक बैठती है. यहां बालू घाटों पर नियमों की अनदेखी कर बिना चालान के ही ओवर लोडेड वाहनों को छोड़ा जाता है. यदि चालान दिया भी जाता है तो वह जाली होता है. स्थिति यह है कि सब कुछ ठीक रहा तो दूसरे जिलों का भी चालान नालंदा जिले में निर्गत किया जाता है.

नालंदा पुलिस प्रशासन की लापरवाही उजागर होता है. इसके अलावा खनन विभाग की भूमिका भी जिले में जगजाहिर है. नियमों के अनुसार जिस जगह पर बालू घाट हो वहां प्रशासन की ओर से एक बोर्ड लगा होना चाहिए. जिस पर ठेकेदार का नाम, पता, टेंडर अवधि आदि की जानकारी होनी चाहिए. ऐसा कोई बोर्ड ज्यादातर घाटों पर नहीं दिखता. वहीं बालू का उठाव मशीनों से नहीं करके स्थानीय लोगों द्वारा मजदूरों से करवाया जाता है.अवैध तरीके से बालू का उठाव करने से मजदूरों द्वारा मना करने पर उनकी हत्याएं तक करवा दी जाती है.
लेकिन पुलिस-प्रशासन से मिली छूट के कारण अपराधी व प्रभावी लोग नियमों का उल्लंघन करके मनमाने तरीके से बालू का उठाव करते हैं. साथ ही बिना टेंडर वाले घाटों से भी बालू अवैध रूप से उठवाते हैं. कई घाटों पर सरकारी राजस्व की चोरी होती है. यहां तक कि घाटों पर वर्चस्व के लिए अपराधी शूटर मंगाकर रखते हैं. बिना लाइसेंस के ही अवैध बालू बेचकर करोड़ों रुपये का वारा न्यारा करते हैं. अवैध कमाई करने में कई गुट सक्रिय है, जो बालू घाटों पर कब्जे के लिए शूटर व अपराधियों का सहारा लेते हैं.
बालू उठाव को लेकर फिलहाल जिले में कई ऐसे गैंग सक्रिय हैं, जिसके प्रभाव में आकर पुलिस भी ज्यादा कुछ बोलने से परहेज करती है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि इतना होने के बाद भी पुलिस इसमें पूरी तरह से मूकदर्शक बनी हुई है. अवैध बालू घाटों पर मानपुर थाना क्षेत्र के कई घाट शामिल है. खनन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में फिलहाल 29 ही वैध बालू घाट हैं.
जो अवैध हैं,वहां से बालू का उठाव वर्जित है.
पुलिसकर्मियों की रहती है मिलीभगत: अवैध तरीके से बालू के उठाव में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत रहती है. पिछले माह गिरियक थाने के इंस्पेक्टर के मुंशी ललन यादव को नालंदा के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका ने इस आरोप में पकड़ा था. एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुंशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसी तरह पांच माह पूर्व हिलसा थाने के दो सिपाहियों को बालू भरे वाहनों से अवैध वसूली करते हुए तत्काल प्रभाव ने निलंबित कर दिया गया था.
बालू को लेकर जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाएं
1. पिछले वर्ष हथियारबंद अपराधियों ने दीपनगर थाना क्षेत्र के एक बालू घाट पर दो भाइयों की हत्या गोली मार कर दी थी. दोनों मृतक सगे भाई थे.
2. 25 अगस्त को मानपुर थाना क्षेत्र के छोटकी धनुकी गांव में बालू उठाव को लेकर एक युवक की हत्या गोली मार कर दी गयी थी.
3. 8 जून को गिरियक थाना क्षेत्र के दरियापुर बालू घाट पर अपराधियों ने अजय मांझी की हत्या गोली मार कर दी गयी.
4. 11 अप्रैल को मानपुर थाना क्षेत्र के सिंग्थू गांव में बालू घाट के एक मुंशी की हत्या गोली कर दी गयी.
5. 23 अगस्त को नगर थाना क्षेत्र के महलपर व खंदकपर क्षेत्र में बालू माफियाओं ने पुलिस बल पर पथराव कर क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था.
कहते हैं अधिकारी
बालू घाटों की सुरक्षा पहले से और सख्त कर दी गयी है. बालू घाटों की सुरक्षा को लेकर जिले के तीन थानाध्यक्षों की भूमिकाओं की जांच की जा रही है. किसी भी कीमत पर जिले में अवैध बालू का उठाव नहीं होने दिया जायेगा. इसको लेकर विशेष तैयारी की जा रही है. जिले के सभी बालू घाटों पर सुरक्षा को लेकर संबंधित थानाध्यक्षों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किया गया है. पूरे नालंदा जिले में अवैध बालू की बरामदगी की जा रही है.
सुधीर कुमार पोरिका,एसपी नालंदा

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