मुजफ्फरपुर के RFSL में 1714 साक्ष्य जांच के लिए पेंडिंग, 13 जिलों के पीड़ितों को इंसाफ का इंतजार

फरवरी 2022 तक पटना में 1207, मुजफ्फरपुर 1714 के अलावा भागलपुर प्रयोगशाला में 188 प्रदर्श जांच के लिए लंबित हैं. सरकार की ओर से जारी आंकड़े में प्रतिमाह निष्पादित किये गये साक्ष्यों का आंकड़ा भी दिया गया है. इसमें भागलपुर आरएफएसएल की स्थिति पटना व मुजफ्फरपुर से अच्छी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 4, 2022 10:51 AM

चंदन सिंह, मुजफ्फरपुर. पटना एफएसएल से 507 ज्यादा साक्ष्य (प्रदर्श) जांच के लिए मुजफ्फरपुर आरएफएसएल में पेडिंग चल रहा है. पटना में 1207 तो मुजफ्फरपुर में 1714 प्रदर्श वैज्ञानिक जांच के लिए इंतजार में हैं. यह आंकड़ा अप्रैल माह में आयोजित हुई अपर मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक के बाद जारी किया गया है. इसमें फरवरी 2022 तक पटना में 1207, मुजफ्फरपुर 1714 के अलावा भागलपुर प्रयोगशाला में 188 प्रदर्श जांच के लिए लंबित हैं. सरकार की ओर से जारी आंकड़े में प्रतिमाह निष्पादित किये गये साक्ष्यों का आंकड़ा भी दिया गया है. इसमें भागलपुर आरएफएसएल की स्थिति पटना व मुजफ्फरपुर से अच्छी है.

13 जिलों के 600 से अधिक बिसरा जांच के लिए पेंडिंग

मुजफ्फरपुर आरएफएसएल में 13 जिलों मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, वैशाली, बेतिया, सीवान, गोपालगंज और बगहा जिलों से प्रदर्श जांच के लिए आते हैं. वैज्ञानिकों की कमी के कारण 13 जिलों के 600 से अधिक बिसरा जांच के लिए पेंडिंग है. मामले पेडिंग न रहें, इसके लिए वैज्ञानिकों की तीन यूनिट की जरूरत पड़ेगी. मुजफ्फरपुर आरएफएसल से बोझ कम करने के लिए चलंत विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए फोरेंसिक मोबाइल वैन को लेकर प्रस्ताव भी मुख्यालय भेजा गया है. इसके अलावा मैनपावर बढ़ाने के लिए अनुकंपा पर बहाली की रणनीति तैयार की जा रही है.

दरभंगा, बेतिया व छपरा में आरएफएसएल खोलने की तैयारी

दरभंगा, बेतिया व छपरा जिले में आरएफएसएल की यूनिट खोलने की तैयारी अंतिम चरण में है. तीनों जगहों पर जमीन चिह्नित कर मुख्यालय भी प्रस्ताव भेज दिया गया है. अब पुलिस भवन निर्माण विभाग द्वारा भवन निर्माण जल्द शुरू होनेवाला है.

जांच पेंडिंग से होने से अनुसंधान हो रहा प्रभावित

गन्नीपुर आरएफएसएल में 1714 से अधिक प्रदर्श जांच के लिए पेडिंग होने से इसके अधीन आनेवाले 13 जिलों के पीड़ितों को इंसाफ मिलने में देरी हो रही है. वैज्ञानिकों की मानें तो एफएसएल से जारी जांच रिपोर्ट को कोर्ट मजबूत साक्ष्य मानता है. इससे पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलने में मदद मिलती है.

बिसरा जांच में आइओ की दिलचस्पी नहीं

मुजफ्फरपुर. तिरहुत रेंज के आइजी पंकज सिन्हा का आदेश बेअसर साबित हो रहा है. जिले के विभिन्न थानों में तैनात आइओ एसकेएमसीएच से बिसरा नहीं ले जा रहे हैं. आइजी ने समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिया था कि बिसरा जांच के लिए केस का अनुसंधान पेडिंग हो रहा है. जो भी आइओ बिसरा जांच के लिए एफएसएल नहीं भेजे हैं, वे जल्दी भेज दें. नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. सबसे अधिक बिसरा अहियापुर थाना क्षेत्र में जांच के लिए पेडिंग है. वहीं जिले में 125 से अधिक बिसरा एफएसएल जांच के लिए लंबित है. वहीं, एसकेएमसीएच में भी दो दर्जन से अधिक बिसरा को आइओ रिसिव कर नहीं ले गये हैं.

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