Bihar News: औराई के मुखिया और सचिव ने पंचायत भवन को तोड़ कर बेच दिया मलबा, दो दिन में मांगा स्पष्टीकरण

Bihar News: पंचायत में कोई सरकारी भवन भी नहीं है. इस संदर्भ में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव को चिट्ठी जारी कर पूरे मामले में दो दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2022 1:38 PM

मुजफ्फरपुर. औराई में पंचायत भवन को तोड़कर उसका मलबा बेच दिया गया है. मामला उजागर होने के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गयी है. अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक इस पूरे मामले की एक-दूसरे से जानकारी ले रहे हैं. बताया जाता है कि औराई पंचायत भवन के मलबे को मुखिया व पंचायत सचिव ने मिल कर बेच दिया है. इस केस के सामने आने के बाद पंचायती राज विभाग के अधिकारी परेशान हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि पंचायत भवन को जेसीबी से ध्वस्त कर उसके मलबे को बेच दिया गया है. इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गयी है.

दो दिनों में मांगा स्पष्टीकरण

यह सारा काम चुपके चुपके किया गया है. करीब 15 वर्ष पूर्व औराई के पूर्व विधायक अर्जुन राय ने विधायक फंड से इस भवन का निर्माण करवाया था. हालांकि, इस भवन में कभी पंचायत का काम नहीं हुआ. इस पर अभी छत भी नहीं थी. भवन काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में था. पंचायत का काम पंचायत सचिव या मुखिया अपने आवास से ही संचालित करते हैं. पंचायत में कोई सरकारी भवन भी नहीं है. इस संदर्भ में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव को चिट्ठी जारी कर पूरे मामले में दो दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है.

मामले में कार्रवाई करने की अनुशंसा की

स्पष्टीकरण नहीं देने पर वरीय अधिकारियों को मामले में कार्रवाई करने की अनुशंसा की चेतावनी दी है. वहीं संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव रामनरेश सहनी से बात करने का प्रयास किया गया मगर उनका मोबाइल लगातार बंद मिला. बीपीआरओ के पत्र में कहा गया है कि बिना नीलामी के सरकारी भवन को निजी तौर पर बेचना वित्तीय अनियमितता को दरसाता है.

जानें क्या बोले जिम्मेदार

शिकायत मिलने पर स्थल जांच के क्रम में बिना नीलामी के पंचायत भवन को तोड़ कर बेचने का मामला सामने आया है. इस मामले में पंचायत के मुखिया व पंचायत सचिव की संलिप्तता सामने आ रही है. इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी गयी है. – गिरिजेश नंदन, बीपीआरओ

औराई पंचायत का पंचायत भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में था. कहीं भी बैठने की जगह नहीं थी. इसलिए तोड़ा गया है. इसी जगह सामुदायिक भवन बनेगा. वहां बैठ कर विकास को गति दी जायेगी. -उमाशंकर गुप्ता, मुखिया

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