पहले दिन 20 मरीजों का इलाज

मुजफ्फरपुर: हर्ट मरीजों के लिए शुक्रवार को सदर अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग की शुरुआत की गयी. ओपीडी का शुभारंभ सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण ने फीता काट कर किया. संबोधन में उन्होंने कहा कि इस विभाग के खुलने से यहां आने वाले हर्ट मरीजों को विशेष रूप से इलाज हो पायेगा. विभाग में मरीजों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 2, 2013 10:44 AM

मुजफ्फरपुर: हर्ट मरीजों के लिए शुक्रवार को सदर अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग की शुरुआत की गयी. ओपीडी का शुभारंभ सिविल सजर्न डॉ ज्ञान भूषण ने फीता काट कर किया. संबोधन में उन्होंने कहा कि इस विभाग के खुलने से यहां आने वाले हर्ट मरीजों को विशेष रूप से इलाज हो पायेगा. विभाग में मरीजों के लिए तत्काल इसीजी की व्यवस्था की गयी है. ओपीडी के शुभारंभ के पहले दिन 20 मरीज इलाज के लिए पहुंचे. कार्डियोलॉजी विभाग में नियुक्त डॉक्टर विजय कुमार ने सभी मरीजों का चेकअप किया. चेकअप के लिए आने वाले पहले मरीज माड़ीपुर के अयूब खान थे. हालांकि, ब्रेन के सिटी स्कैन के लिए दो मरीजों को एसकेएमसीएच रेफर किया गया.

डॉ विजय कुमार ने बताया कि मोतीझील के 54 वर्षीय अरविंद कुमार को लकवा का अटैक हुआ था. उनकी हृदय गति तेज थी. वहीं दूसरे मरीज खबरा के अरुण कुमार हाइपर टेंशन के मरीज थे. उन्हें चक्कर आया था. दोनों मरीजों को सिटी स्कैन के लिए एसकेएमसीएच रेफर किया गया है. शुभारंभ के मौके पर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बीएन झा, डॉ के जमा, डॉ एसके पांडेय, डॉ नवीन कुमार, डॉ एचएसपी सिंह, डॉ आर एन शर्मा सहित कई चिकित्सक व कर्मचारी मौजूद थे.

आधुनिक उपकरणों से होगी दंत चिकित्सा
सदर अस्पताल में अब आधुनिक उपकरणों से दंत चिकित्सा की जायेगी. सिविल सजर्न के निर्देश पर सदर अस्पताल में नये उपकरणों के साथ मरीजों की चिकित्सा शुक्रवार से शुरू की गयी. डेंटिस्ट शैलेंद्र कुमार व डॉ ऋचा तुलस्यान इलाज के नियुक्त किये गये. सिविल सजर्न ने शुक्रवार को दंत विभाग का मुआयना किया. उन्होंने कहा कि पहले यहां ऐसी सुविधा नहीं थी. डेंटिस्ट चेयर नहीं होने से मरीजों के इलाज में परेशानी होती थी. लेकिन अब यह परेशानी दूर हो गयी है.

इमरजेंसी के साथ डॉक्टरों का डय़ूटी रूम
सदर अस्पताल में अब इमरजेंसी के बगल में ही डॉक्टरों का डय़ूटी रूम बनाया गया है. उपाधीक्षक चैंबर को डय़ूटी रूम का रूप देकर उन्हें इमरजेंसी में नियुक्त डॉक्टर को आराम करने की जगह दी गयी है. यह परिवर्तन प्रशिक्षु आइएएस अरविंद कुमार वर्मा के औचक निरीक्षण के बाद उनके सुझाव पर किया गया है. उपाधीक्षक डॉ बीएन झा ने कहा कि डय़ूटी रूम इमरजेंसी के बगल में होने से डॉक्टर मरीज के आने के साथ ही देख सकेंगे. अस्पताल में होने का बहाना कर वे अब अस्पताल से बाहर नहीं रह सकते हैं.

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