एक मार्च को रात 7.40 से 8.45 बजे तक होलिका दहन का मुहूर्त

प्रदोष काल में होलिका दहन करना शुभ भद्रा के मुख का त्याग करके निशा मुख में होली का पूजन करना शुभ मुजफ्फरपुर : फाल्गुन पूर्णिमा पर एक मार्च के प्रदोष काल में होलिका दहन शुभ माना गया है. होलिका दहन का समय शाम 6.58 के बाद है. रात 7.40 से 8.45 के बीच का समय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 16, 2018 5:34 AM

प्रदोष काल में होलिका दहन करना शुभ

भद्रा के मुख का त्याग करके निशा मुख में होली का पूजन करना शुभ
मुजफ्फरपुर : फाल्गुन पूर्णिमा पर एक मार्च के प्रदोष काल में होलिका दहन शुभ माना गया है. होलिका दहन का समय शाम 6.58 के बाद है. रात 7.40 से 8.45 के बीच का समय शास्त्र के लिहाज से ज्यादा उपयुक्त है. फलित ज्योतिष केंद्र के प्रभात चंद्र मिश्र ने कहा कि भद्रा के मुख का त्याग करके निशा मुख में होली का पूजन करना शुभ व फलदायक सिद्ध होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी पर्व-त्योहारों को मुहूर्त शुद्धि के अनुसार मनाना शुभ व कल्याणकारी है. भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि होलिका दहन के लिए उत्तम मानी जाती है.
यदि भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा का अभाव हो, लेकिन भद्रा मध्य रात्रि से पहले ही समाप्त हो जाये, तो प्रदोष के बाद जब भद्रा समाप्त हो तब होलिका दहन करना चाहिए. यदि भद्रा मध्य रात्रि तक व्याप्त हो, तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है. लेकिन भद्रा मुख में होलिका दहन नहीं करना चाहिए.

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