बीएड और एमएड के लिए होगा यूनिवर्सिटी का अपना डिपार्टमेंट

मुजफ्फरपुर: कड़ी सुरक्षा के बीच बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित कॉन्फ्रेंस रूम में मंगलवार को सिंडिकेट की बैठक हुई. इसमें एक दर्जन एजेंडा पर चर्चा हुई. अक्षयवट कॉलेज महुआ,हाजीपुर में डोनर के मनोनयन से संबंधित एजेंडा को छोड़ बाकी अन्य सभी को पास कर दिया गया. हालांकि, इस दौरान कुछ बिंदुओं पर समुचित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 5, 2017 9:40 AM
मुजफ्फरपुर: कड़ी सुरक्षा के बीच बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित कॉन्फ्रेंस रूम में मंगलवार को सिंडिकेट की बैठक हुई. इसमें एक दर्जन एजेंडा पर चर्चा हुई. अक्षयवट कॉलेज महुआ,हाजीपुर में डोनर के मनोनयन से संबंधित एजेंडा को छोड़ बाकी अन्य सभी को पास कर दिया गया. हालांकि, इस दौरान कुछ बिंदुओं पर समुचित सूचना नहीं मिलने की बात कह, सदस्यों ने नाराजगी जतायी. बैठक की अध्यक्षता वीसी डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने की.
हाइकोर्ट के आदेश पर डिस्टेंस समेत विभिन्न कोर्स के रेगुलेशन एवं बीएड, एमएड कोर्स की मंजूरी से संबंधित एकेडमिक काउंसिल, एफिलिएशन कमेटी व अन्य निकाय से जो प्रस्ताव पास हुए थे, उन सभी को सिंडिकेट ने भी मंजूरी दे दी है.
यूनिवर्सिटी में अलग से डीएड, बीएड एवं एमएड के लिए जो विभाग खोलना है उसको लेकर सिंडिकेट ने तेजी से प्रक्रिया को शुरू करने पर मुहर लगायी है. दोबारा सरकार से पत्राचार करने के लिए वीसी व रजिस्ट्रार को अधिकृत किया गया है. ललित नारायण मिश्र कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में एमएड की पढ़ाई नियमित करने की स्वीकृति दी गयी. बैठक में प्रो वीसी डॉ आरके मंडल, रजिस्ट्रार डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव, डीएसडब्ल्यू डॉ सदानंद सिंह, एमएलसी डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ हरेंद्र कुमार, डॉ शिवानंद सिंह, डिस्टेंस डायरेक्टर डॉ रामचंद्र सिंह समेत सिंडिकेट के मेंबर एवं विवि अधिकारी मौजूद थे.
टाइम ब्रांड प्रोन्नति वापस लेने के प्रस्ताव पर एमएलसी ने जतायी आपत्ति
सिंडिकेट की पिछली बैठक में टाइम ब्रांड प्रोन्नति को हरी झंडी मिलने के बाद विवि प्रशासन ने जो प्रक्रिया शुरू की थी, सरकार व राजभवन ने उस पर सवाल खड़ा कर दिया. उस आलोक में वीसी ने बैठक के अंत में उसे वापस लेने का प्रस्ताव रखा. इस पर एमएलसी डॉ संजय कुमार सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करायी. कहा कि यह गलत है. राजभवन के पत्र के आलोक में ही प्रोन्नति दी गयी है. उन्होंने कहा कि राजभवन व सरकार को विवि पत्र लिख स्थिति स्पष्ट करें, न कि प्रक्रिया को ही स्थगित कर दें. ऐसा होता है, तो गलत होगा. इसके अलावा भौतिकी, उर्दू व मैथिली में जो प्रोन्नति देने का मामला था उसे लीगल ओपेनियन के आधार पर प्रक्रिया पूर्ण करने की जबवादेही विवि प्रशासन को सौंपी गयी.

Next Article

Exit mobile version