मुजफ्फरपुर में जैविक विधि से लीची की खेती करने वाले 200 किसानों को मिलेगा जीओ टैग, ऐसे मिलेगा फायदा

मुजफ्फरपुर में जैविक खेती से लीची का उत्पादान करने वाले 200 किसानों का जीओ टैग से जोड़ा जायेगा. जिस पर उनके उत्पादन से लेकर पूरा रिकॉर्ड होगा. देश-विदेश कहीं से भी लोग जीओ टैग के बदौलत सीधा किसान से संपर्क कर सकते है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2023 6:56 AM

मुजफ्फरपुर में जैविक खेती से लीची का उत्पादान करने वाले 200 किसानों का जीओ टैग से जोड़ा जायेगा. जिस पर उनके उत्पादन से लेकर पूरा रिकॉर्ड होगा. देश-विदेश कहीं से भी लोग जीओ टैग के बदौलत सीधा किसान से संपर्क कर सकते है. एक जिला एक उत्पाद के तहत लीची उत्पादान करने वाले किसानों के रिकॉर्ड के लिये जिला उद्योग विभाग की ओर से एक टीम भी बनायी गयी है. शुक्रवार को जिला उद्योग केंद्र में एक कार्यशाला के दौरान यह जानकारी जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र सिंह ने दी. इस दौरान दिल्ली से आयी टीम ने भी किसानों को जागरूक किया. बताया गया कि एक जिला एक उत्पाद का मुख्य उद्देश्य प्रोडक्ट की मार्केटिंग करना है. ऐसे में लीची की मार्केटिंग के लिये पूरी कार्य योजना तैयार की गयी है.

लीची की जैविक खेती के लिये दिल्ली की टीम ने किया प्रेरित

कार्यशाला के दौरान एक जिला एक उत्पाद के तहत लीची की जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों को प्रेरित किया. इसमें इन्वेस्ट इंडिया दिल्ली से आये नचिकेता ने बताया कि लीची की जैविक खेती से किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सकेगा. जिले के छोटे किसानों को एक साथ मिल कर या फिर एफपीओ बनाकर लीची की खेती के बारे में जानकारी दी गयी. साथ ही लीची के बाग में हल्दी, सरसों, अदरक आदि की फसल कर लाभ के बारे में भी बताया गया. कार्यशाला में करीब 60 किसानों ने भाग लिया.

कम भूमि वाले किसानों ने रखा सवाल

कार्यशाला के दौरान कम भूमि वाले छोटे किसानों ने जैविक और रासायनिक की समस्या को रखते हुए समस्या को रखा. जिस पर खेतों की घेराबंदी करने का सुझाव दिया गया. वहीं इस बारे में विभाग के महाप्रबंधक ने बताया कि छोटे-छोटे किसान संगठित हो कर भी, जैविक खेती के तहत लीची का उत्पादन कर सकते है.

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