जमालपुर विधानसभा में राजनीतिक घरानों की दावेदारी ने चुनाव को बनाया संघर्षपूर्ण
जमालपुर विधानसभा सीट इस बार काफी सुर्खियों में है. वजह है इस विधानसभा में विभिन्न राजनीतिक घरानों की ओर से चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की है
मुंगेर
जमालपुर विधानसभा सीट इस बार काफी सुर्खियों में है. वजह है इस विधानसभा में विभिन्न राजनीतिक घरानों की ओर से चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की है. जिसने इस विधानसभा के चुनाव को काफी रोमांचक बना दिया है. अब जमालपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता तय करेगी कि किस घरानें को अपना अगला प्रतिनिधि चुनते हैं. जमालपुर विधानसभा चुनावी बिगुल बजने से पहले ही सुर्खियों में आ गया. क्योंकि जदयू ने अपने पूर्व मंत्री व चार बार विधायक रहे शैलेश कुमार का अंतत: टिकट कट गया. जबकि महागठबंधन में सीट बंटवारे के कारण सिटिंग विधायक अजय कुमार सिंह का भी टिकट काट दिया है. जिसके कारण जमालपुर हॉट सीट बन गयी है. सबसे अहम है कि इस विधानसभा से कई राजनीतिक घरानों के लोग अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर दी है.1967 में विधायक चुने गये भागवत प्रसाद के पुत्र ललन ने की दावेदारी
एक ओर जहां 1967 में इस विधानसभा से विधायक चुने गये भागवत प्रसाद यादव के रिटायर्ड आइएएस पुत्र ललन जी ने जनसुराज से अपनी दावेदारी पेश कर पिता के विरासत को पुन: वापस लेने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. वहीं दूसरी ओर 1972 व 1977 में इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले सुरेश कुमार सिंह के पुत्र पूर्व मंत्री शैलेश कुमार सीट पर कब्जा करने के लिए जदयू से टिकट कटने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी दंगल में कूद पड़े हैं. विदित हो कि उन्होंने 2005 में पांच बार इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले उपेंद्र प्रसाद वर्मा को पराजित कर पिता की विरासत को हासिल किया था. जिसके बाद उन्होंने 2005, 2010 एवं 2015 में चुनाव जीत कर अपने पिता की विरासत को अपने पास रखा. एनडीए की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया और सीएम नीतीश के करीबी बन गये. लेकिन 2020 के चुनाव में वे हार गये और अपने पिता व खुद की विरासत को खो दिया. अब वे पुन: निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपने और अपने पिता की विरासत को हासिल करने के लिए चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं.तीन बार के मुंगेर सांसद रह चुके ब्रह्मानंद मंडल के पुत्र निचिकेता भी मैदान में
इस विधानसभा की बनागी देखिए, तीन बार मुंगेर लोकसभा के सांसद रह चुके ब्रह्मानंद मंडल के पुत्र निचिकेता मंडल भी जदयू के टिकट पर चुनावी मैदान में है. इतना ही नहीं 1967 व 1969 तथा 1977 में खड़गपुर विधानसभा से विधायक रहे तथा राज्य सरकार में मंत्री रहे शमशेर जंग बहादुर सिंह के पौत्र हर्षवद्धन सिंह भी चुनाव मैदान में हैं. वैसे 2010 में खड़गपुर विधानसभा का अस्तिव ही समाप्त हो गया. जिसके बाद उनके परिवार के लोग राजनीति में रहे. लेकिन अब शमशेर जंग बहादुर के पोते व लंबे समय से राजद से जुड़े हर्षवर्धन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर कर दादा की विरासत को प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
