वोटों में सेंधमारी व दलीय भीरतघात प्रमुख प्रत्याशियों का बढ़ाया टेंशन

मुख प्रत्याशी काफी टेंशन में है. क्योंकि अधिकांश जगह वोटों में सेंधमारी, दलीय व अपनों के भीरतघात के कारण प्रत्याशियों का तनाव अधिक बढ़ गया है.

By AMIT JHA | November 4, 2025 6:23 PM

पार्टी से बगावत कर चुनाव प्रचार में उतरे कई बागियों को पार्टी ने दिखा दिया है बाहर का रास्ता

मुंगेर

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण के लिए 6 नवंबर को जिले के तीन विधानसभा मुंगेर, जमालपुर व तारापुर के लिए वोट डाले जायेंगे. जिसका चुनाव प्रचार भी मंगलवार की शाम खत्म हो गया. लेकिन प्रमुख प्रत्याशी काफी टेंशन में है. क्योंकि अधिकांश जगह वोटों में सेंधमारी, दलीय व अपनों के भीरतघात के कारण प्रत्याशियों का तनाव अधिक बढ़ गया है.

वोटों में सेंधमारी व भीतरघात का प्रत्याशियों को करना पड़ रहा सामना

विधानसभा चुनाव में जिले की कई सीटों पर भीतरघात ने उम्मीदवारों को बेचैन कर रखा है. इसके डैमेज कंट्रोल के लिए विभिन्न प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता मुंगेर पहुंचे और जमकर सभा, रोड शो किया. लेकिन कई जगहों पर स्थिति नियंत्रित नहीं हो सकी है. अगर इसमें सुधार नहीं हो सका तो नजदीकी मुकाबले में परिणाम पर असर पड़ सकता है. एक ओर जहां निर्दलीय एवं दलीय कई ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, जो प्रमुख दलों के उम्मीदवार की बेचैनी बढ़ा दी है. जबकि प्रमुख पार्टी के अंदर भी सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. कोई बागी होकर पार्टी द्वारा नामित प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में डटे है, तो कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो जीत के लिए नहीं, बल्कि प्रमुख प्रत्याशियों के वोट में सेंघमारी कर उसे हराने में जुटे हुए है. इस सबके बीच प्रमुख दलों के अंदर काफी अंदरूनी विवाद है और वे अपने प्रत्याशी को हारने के लिए काम कर रहे है. इतना ही नहीं टिकट की दौर से बाहर हुए पार्टी नेता भी अपने पार्टी प्रत्याशी को हराने में लगे हुए है. हालांकि खुल कर कोई कुछ नहीं कर रहा है, लेकिन पर्दे के पीछे से अपनी शतरंज की चाल जरूर चल रहे. यही कारण है कि प्रमुख उम्मीदवारों का टेंशन काफी बढ़ गया है.

बागियों की उम्मीदवारी व अपनों की नारजगी ने बढ़ाई परेशानी

मुंगेर विधानसभा की बात करें तो यहां भाजपा के काफी पुरानी नेता कृष्णा मंडल ने पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में बागी उम्मीदवारी दी है. हालांकि पैसों के अभाव में उनका प्रचार-प्रसार ताम-झाम के साथ नहीं रहा. भाजपा के जिलाध्यक्ष ने कृष्णा मंडल को पार्टी से बाहर कर दिया. जमालपुर विधानसभा की बात करें तो जदयू के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री शैलेश कुमार पार्टी द्वारा टिकट काटे जाने पर बागी होकर इस विधानसभा से अपनी उम्मीदवारी दी. अब वह जदयू के उम्मीदवार के लिए परेशानी का कारण बने हुए है. तारापुर विधानसभा की बात करें तो यहां महागठबंधन से वीआईपी पार्टी से सकलदेव बिंद ने नामांकन कराया, लेकिन ऐन वक्त पर महागठबंधन से राजद के अरूण साह को टिकट दे दिया गया. जिसके कारण सकलदेव बिंद ने नाम वापसी के दिन अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया और एनडीए के भाजपा प्रत्याशी उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को अपना समर्थन दे दिया.

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