MungerTourism: मुंगेर का भीमबांध बनेगा वर्ल्ड क्लास टूरिज्म हब, गर्म पानी के कुंड, जंगल और ट्री हाउस होंगे मुख्य आकर्षण
MungerTourism: घने जंगल, गर्म जलधाराएं और जैव विविधता. अब सिर्फ प्राकृतिक धरोहर नहीं, बल्कि बिहार के पर्यटन भविष्य की रीढ़ बनने जा रहे हैं.
MungerTourism: मुंगेर जिले का प्रसिद्ध भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य अब अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर जगह बनाने की ओर बढ़ रहा है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव के साथ हुई बैठक में भीमबांध के समग्र विकास के लिए विस्तृत परियोजना प्रस्ताव जल्द तैयार करने का निर्देश दिया है. सरकार का लक्ष्य है कि भीमबांध को विश्वस्तरीय इको-टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाए, जहां पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन साथ-साथ आगे बढ़ें.
क्यों बन सकता है भीमबांध ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन
घने जंगलों, प्राकृतिक गर्म जलधाराओं और समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाने वाला भीमबांध अभयारण्य पहले से ही पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. अब सरकार इसे योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर अंतरराष्ट्रीय स्तर का इको-टूरिज्म सेंटर बनाना चाहती है. उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि भीमबांध की प्राकृतिक संपदा में वह क्षमता है, जो इसे वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित कर सकती है और आगामी विकास योजना का यही मूल आधार होगा.
मास्टर प्लान में क्या-क्या होगा नया आकर्षण
प्रस्तावित मास्टर प्लान में पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई आधुनिक और प्रकृति-आधारित सुविधाएं शामिल होंगी. इनमें वन अनुभव केंद्र, कार्यशाला और प्रशिक्षण केंद्र, योग ग्राम, वेलनेस और आयुर्वेद केंद्र, इनडोर गतिविधि क्षेत्र, कैफेटेरिया और आधुनिक भोजनालय शामिल हैं.
इसके साथ प्रशासनिक भवन, सभाकक्ष, रेस्टोरेंट, गर्म पानी की झील, ट्री हाउस और कॉटेज, ऊंचे व्यू प्वाइंट, ट्रैकिंग रूट, लैंडस्केपिंग, भीमसेन कुंड, ऑर्किड और फल उद्यान, वॉच टॉवर और निगरानी मीनार जैसे निर्माण भी प्रस्तावित हैं.
पर्यटन स्थलों को जोड़कर बनेगा सर्किट
भीमबांध के विकास के साथ-साथ इसके आसपास के बेलाटांड़, चोरमारा, नारोकॉल, बहेरातानड़, बघेल, कुकुरझाप धाम, खड़गपुर झील और भौराकोल झील जैसे प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों को भी पर्यटन सर्किट से जोड़ा जाएगा. इससे पर्यटक क्षेत्र में अधिक समय बिताएंगे और स्थानीय स्तर पर होटल, परिवहन और छोटे कारोबार को बढ़ावा मिलेगा.
मुंगेर और बिहार को मिलेगी नई पहचान
भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य अगर पर्यावरण के अनुकूल और वैज्ञानिक तरीके से विकसित होता है, तो यह मुंगेर जिले को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला सकता है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि भीमबांध का विकास सरकार की प्राथमिकता में है और यह परियोजना पूरे क्षेत्र के लिए बदलाव लाने वाली साबित होगी.
