Munger News : नये-नये पैंतरे अपना रहे साइबर ठग, सतर्कता से होगा बचाव

मुंगेर में साइबर थाना खुलने के बाद 86 मामले दर्ज हुए, लेकिन एक का भी खुलासा नहीं हो सका. उस पर साइबर क्रिमिनल रोज नये-नये हथकंडे अपना कर लोगों को ठग रहे हैं. इससे पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े होते हैं.

By Sugam | May 22, 2024 7:53 PM

Munger News : मुंगेर. इंटरनेट की दुनिया ने साइबर ठगों के लिए एक नये धंधे का जुगाड़ कर दिया है. ऑनलाइन खरीदारी व पेमेंट का प्रचलन जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसी तेजी से साइबर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं. पुलिस के पास साइबर ठगी रोकने के जितने तरीके हैं, उससे कहीं अधिक इन साइबर ठगों के पास पैंतरे है. हर दिन कोई न कोई साइबर ठगी का शिकार हो रहा है. साइबर ठगों के झांसे में आकर कोई हजारों गंवा रहे तो कोई लाखों गंवा रहे हैं. अब तो साइबर ठग व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर लोगों को सैक्सटॉर्सन का जहां शिकार बना रहे हैं. वहीं वरीय पुलिस अधिकारियों का डीपी लगा कर व्हाट्सएप पर धमकी देकर लोगों को ठग रहे हैं. कहने को तो सरकार ने साइबर थाना तक खोल दिया गया है. लेकिन साइबर ठगों तक उनके हाथ नहीं पहुंच पाते. इसलिए साइबर ठगों से बचना है तो सतर्कता अपनानी होगी, तभी बचाव होगा.

साइबर थाना में अब तक 86 कांड हुए दर्ज, एक का भी खुलासा नहीं

9 जून 2023 को मुंगेर में साइबर थाना खोला गया. जहां पर साइबर ठगी के शिकार लोग अपनी शिकायत आसानी से दर्ज करा सकें. इसकी जिम्मेदारी डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गयी. जबकि दर्ज कांडों के अनुसंधान के लिए यहां पर पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को तैनात किया गया. जब से मुंगेर में साइबर थाना खुला है तक से लेकर अब तक कुल 86 कांड दर्ज हुए हैं. 9 जून 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक कुल 49 कांड दर्ज हुए. जबकि 1 जनवरी 2024 से लेकर अब तक साइबर थाना में 37 प्राथमिकी दर्ज की गयी. लेकिन आज तक एक भी मामले का उद्भेदन साइबर थाना द्वारा नहीं किया जा सका.

लोगों को सैक्सटॉर्सन का बना रहे शिकार

साइबर थाना में पहले जो भी मामले दर्ज हुए हैं, उसमें क्रेडिट कार्ड, केवाईसी, पार्ट टाइम जॉब, बिजली बिल भुगतान आदि नये-नये तरीके से लोगों से ऑन लाइन ठगी की गयी है. लेकिन हाल में वीडियो कॉलिंग कर भी लोगों से ठगी की जा रही है.व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर लोगों को सैक्सटॉर्सन का शिकार बनाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर व्हाट्सएप डीपी पर सीआइडी सहित बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों का फोटो लगा कर व्हाट्सएप कॉल कर लोगों को कांडों में फंसाने की धमकी देकर ठगी कर रहे हैं.

साइबर ठगों के हैं अलग-अलग पैंतरे

  • केस स्टडी-1:14 फरवरी 2024 : टेटियाबंबर प्रखंड के मोंजरा निवासी पीएनबी के ग्राहक सेवा केंद्र संचालक प्रसून कांत से साइबर ठगों ने 3.9 लाख की ठगी की. उनके मोबाइल पर इंटरनेट बैंकिंग के लिए यूजर आईडी फॉरगेट का मैसेज आया. जिसे उन्होंने इग्नोर कर दिया. बावजूद उनके खाते से दो बार में 3 लाख 9 हजार रुपये की निकासी हो गयी.
  • केस स्टडी-2 : 5 मई 2024 : जमालपुर कारखाना के एक रेलकर्मी को साइबर ठगों ने सेक्सटॉर्सन का शिकार बनाया. दिल्ली के सीआइडी बन कर व्हाट्सएप पर कॉल किया और कहा कि जिस लड़की से आपने वीडियो कॉल किया है उसका वीडियो वायरल हो गया है. उस लड़की ने आत्महत्या कर ली है. इस केस से बचने के लिए खर्चा करना होगा. उक्त रेलकर्मी ने अपनी सामाजिक छवि को बचाने के लिए 4 मई को कई किस्तों में 22 लाख रुपये फ्रॉड के खाते में ट्रांसफर किये.
  • केस स्टडी-3 : 6 मई 2024 : संग्रामपुर के एक दवा दुकानदार ने साइबर थाना में शिकायत की कि उसका सिम खराब हो गया. उसे बदलने के लिए एक व्यक्ति ने उससे कई सादे कागज पर हस्ताक्षर लिये और उसके आधार की फोटो कॉपी भी ली. कई बार एक मशीन पर उसके अंगूठे का निशान भी लिया. ठगों ने उसके दो एकाउंट से कुल 1.50 लाख उड़ा दिये.

कहते हैं साइबर थाना के थानाध्यक्ष

आज के समय में साइबर अपराध चरम पर है. तकनीक के इस युग में जितनी तेजी से डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिला है, उतनी ही तेजी से ठगी के नये-नये तरीके सामने आ रहे हैं. खुद को ठगों से बचाने के लिए सबसे जरूरी जागरूकता व सतर्कता है. किसी भी अज्ञात नंबर से प्राप्त हुए लिंक को न खोलें. किसी भी फोन कॉल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिये गये प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें. अज्ञात व्हाट्सएप कॉलिंग को इग्नोर करें. इंटरनेट व सोशल वेबसाइट के प्रयोग में सावधानी बरतने की जरूरत है.
-प्रभात रंजन, साइबर थाना के थानाध्यक्ष सह डीएसपी

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