मुंगेर में नहीं थम रहा अपराध, इस माह जदयू नेता समेत पांच की हुई हत्या

मुंगेर: मुंगेर में लगातार हत्याओं का दौर चल रहा है. पिछले छह माह में अपराधियों ने 22 हत्याकांडों को अंजाम दिया. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि है कि लॉकडाउन अवधि अप्रैल और मई में नौ लोगों की हत्या अपराधियों ने की, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन के बाद एक जून को अनलॉक लागू हुआ. अपराधियों का तांडव बढ़ गया और जून में अब तक अपराधियों ने जदयू नेता समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतारकर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न कर दी. मुंगेर जिला अवैध हथियार के साथ ही अपराध और अपराधियों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहा है. इस बार भी अपराधियों की क्रूरता के कारण जिले में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है.

By Prabhat Khabar | June 22, 2020 11:38 AM

मुंगेर: मुंगेर में लगातार हत्याओं का दौर चल रहा है. पिछले छह माह में अपराधियों ने 22 हत्याकांडों को अंजाम दिया. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि है कि लॉकडाउन अवधि अप्रैल और मई में नौ लोगों की हत्या अपराधियों ने की, लेकिन जैसे ही लॉकडाउन के बाद एक जून को अनलॉक लागू हुआ. अपराधियों का तांडव बढ़ गया और जून में अब तक अपराधियों ने जदयू नेता समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतारकर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न कर दी. मुंगेर जिला अवैध हथियार के साथ ही अपराध और अपराधियों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहा है. इस बार भी अपराधियों की क्रूरता के कारण जिले में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है.

बढ़ते आपराधिक घटनाओं से जिले की जनता में दहशत

जमालपुर में घर से बुलाकर जहां मुकेश चौरसियों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी, वहीं मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भेलवा दियारा में ट्रैक्टर से खींच कर किसान ऋषि कुमार की हत्या कर दी गयी व 70 हजार रुपये भी लूट लिया. इतना ही नहीं अपराधियों ने न सिर्फ मां-बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया, बल्कि दोनों की ईंट से कूच कर हत्या भी कर दी. अपराधियों ने जमालपुर के जदयू नेता जुगनू मंडल की गोली मार कर हत्या करने से भी गुरेज नहीं किया. हालांकि कुछ घटनाओं का पुलिस ने पटाक्षेप करते हुए न सिर्फ हत्याकांडों का खुलासा किया, बल्कि अपराधियों को पकड़ कर जेल में भी डाला. बावजूद बढ़ते आपराधिक घटनाओं से जिले की जनता में दहशत व भय का माहौल है.

महीने के हिसाब से बढ़ता जा रहा हत्या का ग्राफ

मुंगेर पुलिस के आंकड़ों पर अगर ध्यान दें, तो महीने के हिसाब से हत्या का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. जनवरी महीने में जहां दो हत्या हुई थी, वहीं फरवरी महीने में दो, मार्च महीने में चार, अप्रैल महीने में दो एवं मई में सात हत्या हुई. अप्रैल और मई महीने में पूरी तरह से कोरोना को लेकर लॉकडाउन लागू था. सबसे हैरानी की बात है कि एक जून को अनलॉक लागू हुआ और अपराधियों ने एक के बाद एक पांच हत्याकांडों को अंजाम देकर पुलिस की परेशानी बढ़ा दी.

पुलिस पर भी वृद्ध महिला की हत्या का लगा आरोप

10 जून को वासुदेवपुर ओपी पुलिस कोतवाली थाना क्षेत्र के लालदरवाजा मुहल्ले में वारंटी आईटीसी कर्मी राजकिशोर को गिरफ्तार करने उसके घर गयी थी. इसी दौरान उसकी वृद्ध मां सुदामा देवी गिर कर बेहोश हो गयीं. जब उन्हें अस्तपाल लाया गया तो उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. आक्रोशित परिजन एवं मुहल्लेवालों ने सड़क जाम कर सदर अस्पताल में दो घंटे तक काम काज को बाधित किये. परिजनों ने वासुदेवपुर ओपी प्रभारी सुशील कुमार पर आरोप लगाया कि उसके धक्का देने से ही मौत हुई. इसलिए उस पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाय. हालांकि इस मामले की जांच एएसपी हरिशंकर कुमार अब तक कर रहे है.

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