दवा दुकानों में बिक रही नशीली दवाएं

शराबबंदी . शराब की चल रही मोबाइल दुकान, खास लोगों को मिल रही बोतल पांच अप्रैल से बिहार पूर्ण नशामुक्त राज्य बन गया. सभी सरकारी व लाइसेंस धारी शराब की दुकानें बंद हो गयी. लेकिन आज भी जहां चोरी छिपे खास लोगों को शराब उपलब्ध हो रहा और ऐसे लोग नशा का सेवन कर रहे. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 20, 2016 5:12 AM

शराबबंदी . शराब की चल रही मोबाइल दुकान, खास लोगों को मिल रही बोतल

पांच अप्रैल से बिहार पूर्ण नशामुक्त राज्य बन गया. सभी सरकारी व लाइसेंस धारी शराब की दुकानें बंद हो गयी. लेकिन आज भी जहां चोरी छिपे खास लोगों को शराब उपलब्ध हो रहा और ऐसे लोग नशा का सेवन कर रहे. वहीं विकल्प के रूप में नशेड़ी नशीली दवाओं का सेवन करने लगे हैं. तारी की बिक्री जोर पकड़ रही और गांजा-भांग का डिमांड भी बढ़ा है.
मुंगेर : पूर्ण शराब बंदी के बावजूद चोरी-छिपे शराब की बिक्री हो रही है. स्थायी दुकान की जगह मोबाइल दुकान चल रहे हैं. फोन करने पर मोटर साइकिल से शराब पहुंचाया जा रहा है. शहर में ऐसे व्यक्ति मिल जायेंगे जो पॉकेट में एक या दो छोटी वाली शराब की बोतलें रख कर ग्राहक की तलाश करते रहता है और पहचान वाले ग्राहक को बोतल उपलब्ध करायी जाती है. यह बात दीगर है कि शराब की कीमत शराबियों से दुगुना-तिगुना वसूला जाता है.
साथ ही शराब के लिए उन्हें इंतजार भी करना पड़ता है. कहा जाता है कि मुंगेर में शराब माफियाओं ने इतनी मात्रा में शराब का स्टॉक कर रखा है कि खास लोगों को महीनों तक शराब मुहैया कराया जा सकता है. यही कारण है कि खास को तो शराब मुहैया हो जाती है लेकिन आम लोग को शराब नहीं मिल पाता.
प्रतिबंधित दवाओं की हो रही बिक्री. बाजार में कई ऐसी दवाएं हैं, जो शराब से भी नशीली है. जिसमें कॉरेक्स, एक्यूलिप व जोना जैसी अन्य दवाइयां शामिल है. जिसकी बिक्री पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. किंतु अन्य दवाओं के आड़ में इन नशीली दवाओं का भी सेवन हो रहा है. इन दवाओं का अधिक खुराक ले लेने से सामान्य लोग पूरी तरह नशे में आ जाते हैं. नशेडि़यों के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि इन दवाओं के सेवन के बाद उनके मुंह से शराब की गंध नहीं आती. जिससे घर में उन पर जल्दी कोई नशा करने का शक नहीं करते.

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