मुंगेर में मिले कोरोना के 22 नये पॉजिटिव मरीज, एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर हुई 147

मुंगेर : जिले में रविवार को कोरोना के 22 नये पॉजिटिव मरीज मिले. पॉजिटिव मरीजों में जहां कई मरीज मुंगेर शहर के निवासी हैं. वहीं कई मरीज जिले के अन्य प्रखंडों के रहने वाले हैं. इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2,477 हो चुकी है.

By Prabhat Khabar | September 7, 2020 7:55 AM

मुंगेर : जिले में रविवार को कोरोना के 22 नये पॉजिटिव मरीज मिले. पॉजिटिव मरीजों में जहां कई मरीज मुंगेर शहर के निवासी हैं. वहीं कई मरीज जिले के अन्य प्रखंडों के रहने वाले हैं. इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2,477 हो चुकी है. जबकि कोरोना के 147 एक्टिव मरीज हैं. इसमें कई मरीजों का इलाज विभिन्न आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है. जबकि कई अपने-अपने घरों में होम आइसोलेट हैं. इधर विभिन्न आइसोलेशन वार्ड से 10 मरीजों को इलाज के बाद घर भेज दिया. पॉजिटिव पाये जाने के बाद इलाज के दौरान रखी जाने वालाी 12 से 14 दिनों की आइसोलेशन अवधि पूर्ण हो चुकी थी. इससे जिले में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2,253 हो गयी है.

जिले में अबतक 50,272 लोगों की हो चुकी है कोविड-19 जांच

जिले में कोरोना संक्रमण के 170 दिनों में जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा अबतक 50,272 लोगों की कोविड-19 जांच की जा चुकी है. इसमें रविवार को जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाये गये 10 जांच केंद्रों पर 1,450 लोगों की कोविड-19 जांच की गयी. वहीं शनिवार तक जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1,181 लोगों की कोविड-19 जांच रैपिड एंटिजेन टेस्ट किट से की गयी, जबकि 56 लोगों की जांच ट्रूनेट मशीन से हुई. वहीं 213 लोगों का सैंपल पटना के आरएमआरआइ में जांच के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आना अबतक आना बांकी है.

जांच शिविर में एक भी व्यक्ति नहीं मिले पॉजिटिव

संग्रामपुर. पिछले 10 दिनों से संग्रामपुर प्रखंड में एक मात्र कोरोना पॉजिटिव केस को छोड़कर अन्य कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इस तरह कोरोना की रफ्तार पर लगभग पूरी तरह विराम लग चुका है. रविवार को झिकुली पंचायत के चंदनिया गांव में आयोजित शिविर में 126 व्यक्तियों के कोविड-19 की जांच रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से की गयी. इसमें कोरोना पॉजिटिव का एक भी केस नहीं पाया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उपेंद्र सिंह ने बताया कि कोरोना के फैलाव पर अब नियंत्रण हो चुका है. इक्का-दुक्का मामले ही अब सामने आ रहे हैं. यह सब सरकार की नीतियों, प्रशासनिक सक्रियता के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों के सहयोग से ही संभव हो पाया है.

posted by ashish jha

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