मुंगेर में खतरे के निशान से 40 सेमी नीचे बह रही गंगा, शहरी क्षेत्र में भी फैला पानी

मुंगेर : गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है. जो बाढ़ का रूप धारण कर लिया है. गुरुवार को मुंगेर में गंगा का जलस्तर 38.93 सेंटीमीटर मापा गया. जो खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. अनुमान है कि शुक्रवार को जलस्तर खतरे के निशान 39.33 को छू लेगा. लेकिन बाढ़ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 7:51 AM

मुंगेर : गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है. जो बाढ़ का रूप धारण कर लिया है. गुरुवार को मुंगेर में गंगा का जलस्तर 38.93 सेंटीमीटर मापा गया. जो खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. अनुमान है कि शुक्रवार को जलस्तर खतरे के निशान 39.33 को छू लेगा. लेकिन बाढ़ ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. एक ओर जहां दियारा क्षेत्र के दर्जनों गांव में पानी घूस गया है. वहीं कई गांवों का संपर्क भी भंग हो गया है. कई नये ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी फैल चुका है.

इतना ही नहीं मुंगेर शहरी क्षेत्र के निचले इलाकों में भी बाढ़ के पानी का फैलाव हो गया है. जिसके कारण कई मुहल्ला पानी से घिर गया है और लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है. गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. गुरुवार की देर शाम 38.93 मीटर तक पहुंच गयी है. अब खतरा निशान को छूने में मात्र 40 सेंटीमीटर का फासला रह गया है. हालांकि 38.93 मीटर के बाद ही बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के अनुसार ऊपरी गंगा में जिस कदर उफान है, उससे मुंगेर का जलस्तर किसी भी समय खतरे के निशान को पार कर जायेगा. जिसके बाद प्रभावित इलाकों की स्थिति और भी भयावह हो सकती है. हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है.
जान जोखिम में डाल कर गंगा पार कर रहे लोग
कहने को तो प्रशासनिक स्तर पर सभी प्रभावित इलाकों में नाव की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गयी है. किंतु नौकाओं का काफी दुरुपयोग किया जा रहा है. अधिकांश लोग नाव को अपने कब्जे में रखे हुए हैं और नीजी उपयोग कर रहे हैं.
जबकि जरुरतमंद पीड़ित परिवार जान जोखिम में डाल कर गंगा के बहाव में तैरते हुए अपने घरों के सामान को किसी तरह से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. ऐसी स्थिति में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. कई नौकाओं पर तो भारी संख्या में लोग सवार होकर बिना लाइफ जैकेट के ही गंगा पार कर रहे हैं.
जिस पर दूध का ड्रम, पशुचारा तथा मवेशी को भी लाद दिया जा रहा है. यह स्थिति किसी एक जगह की नहीं, बल्कि कुतलुपुर, जाफरनगर, टीकारामपुर, महुली, तारापुर दियारा, कल्याण टोला, मुरला मुसहरी सहित अन्य जगहों पर बनी हुई है.
शहरी क्षेत्र में घुसा पानी
वैसे तो दियारा तथा निचले क्षेत्रों में बाढ़ के पानी ने दर्जनों गांव को अपने गिरफ्त में ले लिया है. जिसके कारण दियारा वासियों के रातों की नींद उड़ चुकी है. वहीं अब मुंगेर के शहरी क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. शहर के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के करबला, चांयटोला सहित आधे दर्जन टोला-मुहल्ला को अपने गिरफ्त में ले लिया है.
यहां सड़कों पर फैले बाढ़ के पानी में घुस कर लोगों को आना-जाना पड़ रहा है. वहीं बेलवा, दुमंठा घाट, कंकड़ घाट, लाल दरबाजा सहित अन्य तटवर्ती मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जबकि चंडिका स्थान तथा उसके आस-पास के गांवों में भी बाढ़ की स्थिति विकराल हो गयी है. हाल यह है कि लोग अब सुरक्षित स्थानों के तलाश में जुट गये हैं.
मां चंडिका के नेत्र तक पहुंचा बाढ़ का पानी
मालूम हो कि शारदीय नवरात्र में अब महज 10 दिन शेष रह गया है. सभी जगहों पर नवरात्र की तैयारी आरंभ हो चुकी है. किंतु ऐन मौके पर शक्तिपीठ चंडिका स्थान में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण नवरात्रि की तैयारी तो दूर, यहां श्रद्धालुओं के पूजा पर भी रोक लगा दिया गया है. गुरुवार को गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि गर्भगृह में अवस्थित चंडिका महारानी का नेत्र को बाढ़ का पानी छूने के करीब है.
कहते हैं एसडीओ
सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेशचंद्र झा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में अंचलकर्मियों द्वारा नजर रखी जा रही है. प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गयी है. सही समय पर राहत व बचाव कार्य कारंभ कर दिया जायेगा.
सुरक्षा के साथ-साथ सेहत की भी रखवाली कर रहा एसएसबी
बरियारपुर : गंगा पूरे उफान पर है और जलस्तर भी लगातार बढ़ती जा रही है. जिसके कारण बरियारपुर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है और कई गांवों का संपर्क भी मुख्य सड़क से भंग हो गया है. पानी के कारण रास्ता अवरुद्ध हो गया है. बच्चों का स्कूल जाना जहां बंद हो गया है, वहीं रोजमर्रा के कार्य निष्पादन में भी लोगों को परेशानी हो रही है.
बाढ़ विकराल होता जा रहा है. लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा अबतक प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. बरियारपुर विद्युत पावर सब स्टेशन जाने का मार्ग में बाढ़ का पानी भर गया है. जिसके कारण रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुका है. बिजली उपभोक्ता बिल जमा कराने अथवा अपनी समस्या लेकर ग्रिड नहीं पहुंच पा रहे हैं.
हरिजन कल्याणटोला टोला जाने वाले मार्ग में भी बाढ़ के पानी के कारण अवरुद्ध हो गया है. जिसके कारण गांव के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने मुख्य मार्ग तक नहीं आ पा रहे है. जिससे उनकी पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है. बीमार व्यक्ति को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है. एकाशी गांव का हालात भी कुछ ऐसा ही है.
जरूरी कार्य निबटाने के लिए लोग जान जोखिम में डालते हुए बाढ़ के पानी को पार कर मुख्य सड़क तक आ रहे हैं. बाढ़ के कारण मवेशियों के लिए चारा की समस्या उत्पन्न हो गयी है. खेतों में लगे फसल व पशु चारा पूरी तरह से डूब चुका है. अब यहां के ग्रामीणों को नाव की जरूरत आन पड़ी है. बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ अब हमलोगों के लिए विकराल हो चुकी है.
प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल हुआ दूषित संक्रमण की बढ़ी संभावना
बाढ़ के विकराल रूप ने अबतक दर्जनों गांवों को अपने गिरफ्त में ले लिया है. कर्इ जगहों पर तो अब घर के आंगन में भी बाढ़ का पानी फैल गया है. चारों ओर बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण प्रभावित इलाकों में चापाकल तथा कुएं के पानी दूषित होने लगा है. किंतु मजबूरी में लोगों को वही दूषित पानी पीकर समय बितना पड़ रहा है.
ऐसे में प्रभावित इलाकों के लोगों में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. अबतक इन क्षेत्रों में हैलोजेन की टैबलेट का वितरण भी नहीं किया गया है. जिससे लोग अपने पेयजल को स्वच्छ बना सकते थे. वहीं चारों ओर जलमग्न होने के कारण प्रभावित क्षेत्रों में सांप-बिच्छू सहित तरह-तरह के कीड़े-मकोड़े निकलने लगे हैं. जिससे आम जन काफी भयभीत हो गये हैं.
विभिन्न स्थानों पर गंगा का जलस्तर
स्थान जलस्तर
मुंगेर 38.93 मीटर
भागलपुर 33.58 मीटर
कहलगांव 31.46 मीटर
साहेबगंज 28.21 मीटर
फरक्का 23.11 मीटर

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