प्रसव केंद्र नहीं हो पाया वातानुकूलित

बीते छह माह. जिला स्वास्थ्य समिति को संयंत्रों की खरीदारी से मतलब मुंगेर : वैसे तो सरकार स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर अपना खजाना खोले हुए है़ किंतु विभागीय स्तर पर इसका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है़ इस कारण स्वास्थ्य संबंधी कई लाभकारी योजनाओं का लाभ मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है़ जिला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 31, 2017 5:14 AM

बीते छह माह. जिला स्वास्थ्य समिति को संयंत्रों की खरीदारी से मतलब

मुंगेर : वैसे तो सरकार स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को लेकर अपना खजाना खोले हुए है़ किंतु विभागीय स्तर पर इसका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है़ इस कारण स्वास्थ्य संबंधी कई लाभकारी योजनाओं का लाभ मरीजों तक नहीं पहुंच पा रहा है़ जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा शायद सिर्फ महंगे संयंत्रों की खरीदारी से ही मतलब रहता है़ जबकि खरीदे गये संयंत्रों की उपयोगिता को लेकर यहां के अधिकारी पूरी तरह से उदासीन रहते हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र को पूर्ण वातानुकूलित करने के लिए कुल छह विंडो एयरकंडीशन की खरीदारी की थी. लेकिन वह संयंत्र जंग खा रहा है. किंतु एसी नहीं लगाया है.
प्रसव केंद्र में नहीं लग पाया एयरकंडीशन: प्रसवोपरांत जच्चे-बच्चे के स्वास्थ्य पर तापमान का खासा असर पड़ता है़ गर्मी के समय में अधिक तापमान तथा ठंड के मौसम में सर्दी से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इसी साल सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र को पूर्ण वातानुकूलित करने का निर्देश दिया था़
इसके बाद मई माह में ही प्रसव केंद्र के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा कुल छह विंडों एयरकंडीशन मशीन की खरीदारी की गयी़ इतना ही नहीं एयरकंडीशन मशीन को फिट करने के लिए चयनित स्थानों पर लोहे का ग्रिल स्टैंड भी बनाया गया़ किंतु छह माह बीत जाने के बाद भी अब तक उसमें एयरकंडीशन को फिट नहीं किया जा सका है़ अस्पताल प्रबंधन की इस उदासीनता के कारण प्रसव केंद्र में जच्चे-बच्चे को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है़
संयंत्रों की खरीदारी तक ही रहती है दिलचस्पी: जिला स्वास्थ्य समिति का यह इतिहास रहा है कि यहां के अधिकारी हर बार महंगे-महंगे संयंत्रों की खरीदारी तक ही अपनी दिलचस्पी दिखाते हैं. संयंत्रों के खरीदारी के बाद यहां के अधिकारी पूरी तरह से उदासीन हो जाते हैं. जिसके कारण संयंत्रों के उपलब्ध रहने के बावजूद भी मरीजों को लाभ से वंचित रहना पड़ता है़ हाल यह है कि संयंत्र की खरीदारी के बाद रखे-रखे ही उसकी गारंटी व वारंटी समाप्त हो जाती है़ जिसके बाद यदि उसे उपयोग के लिए लगाया भी जाता है तो उसके खराब होने पर अस्पताल प्रबंधन को विभागीय खर्चे पर उसे ठीक कराना पड़ता है़
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक : अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि जल्द ही एयरकंडीशन को प्रसव केंद्र में फिट करवाया जायेगा़ साथ ही इमरजेंसी वार्ड में एक्स-रे स्थापित करने का काम चल रहा है़
केस स्टडी-1
सदर अस्पताल के कैदी वार्ड के समीप वर्ष 2010 में आईसीयू का उद्घाटन किया गया था़ जिसमें लाखों रुपये के खर्च से वेंडिलेटर, मॉनिटर, इसीजी सहित अन्य संयंत्र लगाये गये़ किंतु उसका उपयोग हुआ ही नहीं तथा रखे-रखे सभी संयंत्र खराब हो गये़ वर्ष 2015 में चक्षु विभाग के बगल में फिर से आईसीयू व एसएनसीयू का उद्घाटन किया गया़ जिस समय पुराने संयंत्रों की मरम्मती पर काफी खर्चे किये गये़ किंतु आईसीयू का रत्ती भी भी उपयोग नहीं हुआ़ वर्ष 2016 में जब फिर से अस्पताल परिसी में ही आईसीयू का उद्घाटन किया गया, तब फिर से पुराने वेंटिलेटर व मॉनीटर की मरम्मत करवानी पड़ी़
केस स्टडी-2
अप्रैल महीने में ही जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा एक अत्याधुनिक डीजिटल एक्स-रे मशीन की खरीदारी कर सदर अस्पताल को सुपुर्द किया गया़ जिसे इमरजेंसी वार्ड में लगाया जाना था़ किंतु सात महीने बीत जाने के बावजूद इमरजेंसी वार्ड में एक्स-रे मशीन नहीं लग पाया है़ गंभीर अवस्था में आये मरीजों को टांग कर पुराने एक्स-रे कक्ष तक ले जाना पड़ता है़ जिससे मरीजों को जहां काफी तकलीफ उठानी पड़ती है, वहीं इलाज में समय की भी काफी बर्बादी होती है़ मालूम हो कि एक्स-रे करने वाले तकनीशियन को सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त हुए दो माह बीत चुका है़

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