गलत कागजात से ली निविदा

आउटसोर्सिंग निविदा प्रक्रिया में नियमों की अवहेलना मुंगेर : मुंगेर जिला स्वास्थ्य समिति अनियमितताओं का पर्याय बन चुका है. गत माह सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न अस्पतालों में रोगियों के खाना, सफाई व कपड़ा धुलाई के लिए आउट सोर्सिंग निविदा में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है़ इसके लिए जिस स्वयंसेवी संगठन का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 25, 2017 11:24 AM
आउटसोर्सिंग निविदा प्रक्रिया में नियमों की अवहेलना
मुंगेर : मुंगेर जिला स्वास्थ्य समिति अनियमितताओं का पर्याय बन चुका है. गत माह सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न अस्पतालों में रोगियों के खाना, सफाई व कपड़ा धुलाई के लिए आउट सोर्सिंग निविदा में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है़
इसके लिए जिस स्वयंसेवी संगठन का चयन किया गया वह निविदा के मापदंडों को पूरा नहीं कर रहा़ साथ ही उसने निविदा प्रक्रिया में इएसआइ का जो प्रतिवेदन समर्पित किया है, वह गलत है़ क्योंकि कर्मचारी राज्य बीमा निगम के रिपोर्ट में संबंधित एनजीओ अंग फाउंडेशन पटना ने अक्तूबर 2015 से नवंबर 2016 तक एक भी कर्मी का इएसआइ जमा नहीं किया है़
एनजीओ चयन में गड़बड़ी: गत महीने सदर अस्पताल एवं विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सफाई, मरीजों का खाना व कपड़ा धुलाई की निविदा जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा संपन्न करायी गयी़ जिसमें अनियमितता बरती गयी है़ एक खास एनजीओ को लाभ पहुंचाने के लिए कानून को ताक पर रख कर निविदा पूरा की गयी है.
यहां तक कि जिस संस्था को कार्य आवंटित किया गया है उसके कागजात का सत्यापन भी नहीं किया गया. इस कारण उस संस्था ने इएसआइ से संबंधित कागजात गलत प्रस्तुत किया है. जबकि इस संदर्भ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सहायक निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में अंग फाउंडेशन पटना द्वारा अक्तूबर 2015 से नवंबर 2016 तक एक भी कर्मी का इएसआइ जमा नहीं करने की बात कही है. जबकि आउट सोर्सिंग निविदा के लिए कर्मचारियों का इएसआइ जमा करना अनिवार्य शर्त है.
आयुक्त के समक्ष पहुंचा मामला: आउट सोर्सिंग निविदा चयन में अनियमितता का मामला प्रमंडलीय आयुक्त के समक्ष पहुंचा है. कई प्रतिद्वंद्वी संस्थाओं ने जिला स्वास्थ्य समिति पर फर्जी कागजात के बिना सत्यापन किये ही कार्य आवंटित करने का आरोप लगाया है़
स्वामी दयानंद सरस्वती आर्य समाज उत्थान परिषद, महिला निकेतन, पिपुल्स एक्शन, ज्ञान भारती सहित अन्य संस्थाओं द्वारा यह आरोप लगाया गया है कि एक संस्था को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की पारदर्शिता को भंग की गयी है़ निविदा के नियमों के अनुसार अलग-अलग इकाई के लिए अलग-अलग लिफाफे में आवेदन देना था़ किंतु एक संस्था ने सभी इकाई के लिए एक ही लिफाफे में आवेदन दिया तथा उसका आवेदन स्वीकार कर कार्य आवंटन करने की घोषणा भी कर दी गयी़
निविदा के अनुरूप दिनांक 12.8.17 को निविदा खोला गया, किंतु उसका निष्पादन काफी देर से किया गया़ खुले हुए लिफाफे का निविदा निष्पादन शीघ्र नहीं होना पारदर्शिता को पूर्णरूपेण भंग करता है़ जो कि एनआइटी के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन भी है़ इससे स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं किसी खास पक्ष को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की प्रक्रिया में नियम की अवहेलना की गयी.

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