56 जीविका कर्मियों को स्वास्थ्य व पोषण की दी गई जानकारी

जिला जीविका परियोजना कार्यालय में स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता को लेकर जीविका दीदियों को जागरूक किया गया.

By Prabhat Khabar Print | May 23, 2024 10:26 PM

मधुबनी. जिला जीविका परियोजना कार्यालय में स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता को लेकर जीविका दीदियों को जागरूक किया गया. जागरूकता कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबंधक विवेक महाजन ने कहा कि स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है. स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है. बिना इस पर ध्यान दिए हमारा जीवन खुशहाल नहीं हो सकता. स्वास्थ्य खराब रहने से हमारी उत्पादकता घट जाती है. कार्यक्रम में 56 चयनित जीविका कर्मियों को स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता विषय पर विस्तार से बताया गया. जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की दी गई जानकारी खासकर जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई. साथ ही गर्भधारण से लेकर बच्चे के दो वर्ष होने तक के दौरान विशेष सावधानी, खानपान, टीकाकरण एवं बीमारियों से बचाव के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई. इस दौरान परिवार नियोजन के साधनों के बारे में भी बताया गया. जीविका कर्मी अपने प्रखंड स्तर पर जीविका दीदियों तक स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता की जानकारी पहुंचायेंगे. उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों को स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता की जानकारी देकर उनका व्यवहार परिवर्तन किया जा सकता है. स्वास्थ्य व पोषण को व्यवहार परिवर्तन जरूरी गरीब ग्रामीण महिलाओं की गरीबी में उनका खराब स्वास्थ्य जिम्मेदार होता है. उनकी सारी बचत और कमाई अक्सर बीमारियों के इलाज में ही खर्च हो जाती है. इस वजह से वह गरीबी के दुष्चक्र से बाहर नहीं निकल पाता. इसी को ध्यान में रखते हुए जीविका दीदियों को स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता की जानकारी से व्यवहार परिवर्तन कराया जा सकता है. जीविका के स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबंधक ने बताया कि जीविका कर्मियों को स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है. ताकि वे प्रखंड, पंचायत, गांव स्तर पर जीविका दीदियों तक इसकी जानकारी पहुंचा सके. पांच लाख तक के नि:शुल्क उपचार की है गारंटी जीविका के स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबंधक विवेक महाजन ने बताया कि गरीबों को पांच लाख तक के उपचार की गारंटी देने वाली आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में जिले का प्रदर्शन सुधारने के लिए अब जीविका दीदियों का सहयोग लिया जाएगा. जिले में छह लाख जीविका दीदियों में से चार लाख दीदी का गोल्डेन कार्ड बनाया गया है. खासकर उन गांवों में जीविका दीदियां लोगों को इसका महत्व बताएंगी. जहां दीदियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है.

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