शहर के कई मोहल्लों में लगा जलजमाव, आंगन में घुसा पानी

मोहल्ला वासी जलजमाव से त्रस्त मधुबनी : शहर के राज कैनाल से पानी नहीं निकलने से वार्ड नंबर 7, वार्ड नंबर 8, 18 में जल जमाव की स्थिति नवंबर माह में भी बनी हुई है. आलम यह है कि वार्ड नंबरक 7 में नाले का पानी उछलकर गोशाला मोहल्ला, बीएन झा कॉलोनी के कई घरों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 13, 2019 1:19 AM

मोहल्ला वासी जलजमाव से त्रस्त

मधुबनी : शहर के राज कैनाल से पानी नहीं निकलने से वार्ड नंबर 7, वार्ड नंबर 8, 18 में जल जमाव की स्थिति नवंबर माह में भी बनी हुई है. आलम यह है कि वार्ड नंबरक 7 में नाले का पानी उछलकर गोशाला मोहल्ला, बीएन झा कॉलोनी के कई घरों के आंगन में पानी घुस गया है. वहीं वार्ड नंबर 8 में महादलित बस्ती, मोमिन टोला कब्रिस्तान के नजदीक नाला का पानी सड़क पर बह रहा है.
इस पानी के निकलने के रास्ते को बचड़ा से पटे रहने के कारण पानी निकासी नहीं हो पा रहा है. वार्ड नंबर आठ में पप्पू राम, तुलसी राम, पुरानी प्राइवेट बस स्टैंड वार्ड नंबर 8 महादलित बस्ती में काशी राम, दुर्गा राम, दीपक राम, गौशाला रोड में राम प्रसाद राम, भिखारी राय, त्रिलोक मंडल, अभी झा के घर के नजदीक आंगन एवं बाहर दरवाजा पर जल जमाव है. बीएन झा कॉलोनी में स्व. टेकनाथ झा, पूर्व वार्ड पार्षद हरिश्चंद्र झा, बैजू पाठक, सुनील चंद्र मिश्रा, अशोक झा के दरबाजे पर पानी लगा हुआ है.
बिन मौसम लगा पानी
बरसात का मौसम नहीं रहने के बावजूद नवंबर माह में शहर के कई मोहल्लों में जल जमाव के संबंध में वार्ड नंबर सात के वार्ड पार्षद सुरेंद्र मंडल ने जल जमाव पर कहा कि शहर के कुछ वार्डों में जल जमाव स्थायी समस्या बन चुका है. क्योंकि इन वार्डों के गंदे पानी की निकासी राज कैनाल होते हुए वाट्सन कैनाल में होकर शहर से बाहर जाती है. पर बीच में कुछ जगह रेलवे का है.
जिसमें रेलवे का डबरा एवं नाला है. डबरा को रेलवे सैरात पर लगाकर मछुआरों को देता है. मछुआरा मछली मारने के लिए राज कैनाल का पानी जो रेलवे के डबरा में गिरता है उसे विभिन्न तरह के अवरोधक लगाकर रोक देता है.
जिस कारण पानी निकलने की रफ्तार बहुत धीमा हो जाता है. दूसरी ओर रेलवे स्टेशन के पिछे अवस्थित नाला जिसका पानी वाट्सन कैनाल होकर शहर से बाहर निकलता है. वहां उस नाला में स्टेशन परिसर से बाहर लगने वाला होटल, चाय की दुकान एवं सब्जी मार्केट का कचड़ा नाला में फेंक दिया जाता है. ऐसे में पानी की निकासी स्वत: बंद हो जाता है और शहर के अधिकांश मोहल्लों में जल जमाव लगना शुरू हो जाता है.

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