नाबालिग की हत्या में दोषी को उम्रकैद की सजा

बिस्फी पतौना ओपी थाना क्षेत्र में 11 फरवरी 2008 को हुई थी घटना एडीजे छह ने सुनाया फैसला मधुबनी : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह उमाकांत यादव के न्यायालय में बिस्फी पतौना ओपी थाना क्षेत्र में ग्यारह वर्ष पूर्व हुए एक नाबालिग की हत्या के मामले में सजा के बिंदु पर सोमवार को सुनवाई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2019 1:22 AM

बिस्फी पतौना ओपी थाना क्षेत्र में 11 फरवरी 2008 को हुई थी घटना

एडीजे छह ने सुनाया फैसला
मधुबनी : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह उमाकांत यादव के न्यायालय में बिस्फी पतौना ओपी थाना क्षेत्र में ग्यारह वर्ष पूर्व हुए एक नाबालिग की हत्या के मामले में सजा के बिंदु पर सोमवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद बिस्फी पतौना ओपी थाना क्षेत्र के आरोपी कठैला निवासी मो. सोनी को दफा 302 भादवि आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
वहीं दफा 201 भादवि में भी 3 साल कारावास व दो हजार रुपये जुर्माना लगाया है. अभियोजन कि ओर से बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक कैलाश कुमार साह ने न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता अरूण कुमार झा ने बहस किया था.
उधार नहीं देने पर दिया घटना का अंजाम : अभियोजन के अनुसार घटना का कारण यह था कि सूचक मो. ओवैद का चाय नास्ता का दुकान था. आरोपी का साथी मो. कैश सूचक के पूत्र कमरे आलम (मृतक) से रुपया उधार मांगा था. उधार नहीं देने पर उक्त आरोपी 11 फरवरी 2008 को आर्केस्ट्रा देखने गए मृतक कमरे आलम को गला दवा कर हत्या कर दिया था.
अनुसंधान के दौरान पुलिस द्वारा उक्त आरोपी के साथ साथ मो. सोनी, मो. कैश, तमन्ना एवं मो. आदिल का नाम आया था. जहां आरोपी मो. सोनी के विरूद्ध 26 जून 2012 में पुलिस द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया था. वहीं अन्य अभियुक्तों के विरूद्ध पूरक अनुसंधान जारी रखा था.

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