मधुबनी का जितवारपुर बनेगा BIHAR का पहला क्राफ्ट विलेज
पटना : अपनी पेंटिंग के लिए दुनिया भर में मशहूर मधुबनी जिले में अब बिहार का पहला क्राफ्ट विलेज बनेगा. यहां के जितवारपुर गांव को इसके लिए विकसित किया जायेगा. बिहार सरकार ने इस गांव का चयन कर केंद्र सरकार के कपड़ा मंत्रालय की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा है. वहां से हरी झंडी मिलते […]
पटना : अपनी पेंटिंग के लिए दुनिया भर में मशहूर मधुबनी जिले में अब बिहार का पहला क्राफ्ट विलेज बनेगा. यहां के जितवारपुर गांव को इसके लिए विकसित किया जायेगा. बिहार सरकार ने इस गांव का चयन कर केंद्र सरकार के कपड़ा मंत्रालय की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा है.
वहां से हरी झंडी मिलते ही इस पर व्यापक रूप से काम शुरू कर दिया जायेगा. इसके विकास पर 10 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. जितवारपुर गांव में स्थानीय बुनकरों और इलाके के लोगों द्वारा हस्तशिल्प, हथकरघा, लकड़ी की नक्काशी आदि से बने पारंपरिक सामान दिखेंगे. गांव में पर्यटकों को ठहरने के लिए गेस्ट हाउस का निर्माण होगा. सामानों की बिक्री के लिए सुविधा होगी.
संसद में पेश हुआ था प्रस्ताव
मधुबनी के सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने लोकसभा में जितवारपुर को क्राफ्ट विलेज बनाने संबंधी प्रस्ताव पेश किया था. इसके बाद इस ओर केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय का ध्यान गया. वहां के अधिकारियों ने कहा कि यदि बिहार सरकार इसमें रुचि दिखाये तो उनका मंत्रालय इसमें सहयोग करने के लिए तैयार है. इस संबंध में बिहार सरकार के उद्योग विभाग को उनका एक पत्र प्राप्त हुआ. बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने इसमें रुचि दिखाते हुए करीब एक महीने पहले केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय को पत्र भेजा है.
स्वीकृति मिलते ही होगा काम शुरू
विकास पर होंगे दस करोड़ खर्च : अशोक
उपेंद्र महारथि कला एवं शिल्प संस्थान के उपनिदेशक अशोक कुमार सिंह कहते हैं कि केंद्र से से स्वीकृति मिलते ही इस पर काम शुरू हो जायेगा. इसके लिए दस करोड़ रुपये मिलेंगे. गांव का संपूर्ण विकास किया जायेगा. इसके तहत सुविधा केंद्र, बिक्री केंद्र, गेस्ट हाउस और पर्यटकों के आने-जाने संबंधी सभी सुविधाओं का विकास किया जायेगा. इससे इस गांव और आसपास के इलाकों के लोगों को रोजगार मिलेगा.
केंद्र के फैसले का इंतजार, राज्य ने 15 दिनों पहले दी थी मंजूरी
पटना : राज्य सरकार ने देश के श्रेष्ठतम नागरिक सम्मान के लिए अपनी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेज दी है. अब केंद्र सरकार को इस पर मुहर लगानी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर पर पंद्रह दिनों पूर्व ही भारत रत्न के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर, चंपारण सत्याग्रह में अहम भूमिका निभाने वाले पंडित राजकुमार शुक्ल और मॉउंटेनमैन दशरथ मांझी के नाम की अनुशंसा कर दी गयी. सीएम की सहमति के तत्काल बाद ही राज्य सरकार ने नामों की सूची काे केंद्र को सौंप दिया. मुख्यमंत्री सचिवालय ने इसकी पुष्टि की है. दो नामों का चयन पद्मभूषण के लिए किया गया है, उसमें बिहार के पूर्व राज्यपाल डीवाई पाटिल और डाॅ गोपाल प्रसाद सिन्हा शामिल हैं.
डा गोपाल प्रसाद सिन्हा को पहले भी पद्मश्री मिल चुका है. इसी तरह पद्मश्री अवार्ड के लिए नेत्र चिकित्सक डॉ राजवर्द्धन आजाद, मधुबनी पेंटिंग की कलाकार गोदावरी देवी और लोक गायिका नीतू कुमार समेत तीन लोग शामिल हैं. सभी चयनित व्यक्तियों को 26 जनवरी, 2018 के मौके पर संबंधित अवार्ड से नवाजा जायेगा. राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में सभी को सम्मानित किया जायेगा.