कोरोना के बीच जलजमाव से बढ़ा रोगों का प्रकोप, सर्दी, बुखार, चर्मरोग की बढ़ी शिकायत, नप बेखबर

मधेपुरा : कोरोना संक्रमण के बीच जलजमाव ने शहर में भयानक स्थिति पैदा कर दी है. जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. मच्छरों के प्रकोप पर काबू पाने के लिए फॉगिग मशीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. जलजमाव वाले क्षेत्रों में ब्लीचिग व चूना का छिड़काव भी नहीं हो रहा है. इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar | August 28, 2020 7:47 AM

मधेपुरा : कोरोना संक्रमण के बीच जलजमाव ने शहर में भयानक स्थिति पैदा कर दी है. जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. मच्छरों के प्रकोप पर काबू पाने के लिए फॉगिग मशीन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. जलजमाव वाले क्षेत्रों में ब्लीचिग व चूना का छिड़काव भी नहीं हो रहा है. इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी है. कई इलाकों में पिछले कई दिनों से जलजमाव की स्थिति बनी रहने के कारण जलजनित रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस बीच, कोरोना संक्रमण के खतरा को देखते हुए लोग अस्पताल जाने से भी कतरा रहे हैं. जलजमाव के कारण निजी चिकित्सकों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है. कई मेडिकल स्टोर भी जलजमाव के कारण बंद रहे, जिससे समस्या गंभीर हो रही है.

सर्दी, बुखार, चर्मरोग की बढ़ी शिकायत : लगातार बारिश और जलजमाव से चर्मरोग के प्रकोप की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है. ऐसे समय में सर्दी, बुखार और चर्म रोग की शिकायत बढ़ जाती है. इधर, सर्दी, बुखार की चपेट में आने वाले वर्तमान समय में इलाज के लिए सदर अस्पताल जाने से परहेज करते हुए अन्य चिकित्सकों से सलाह ले रहे हैं. स्थानीय निवासी शंकर यादव ने बताया सर्दी, बुखार के लिए सदर अस्पताल के बजाय निकट के चिकित्सक के अनुसार दवाएं ले रहे हैं.

कहते हैं चिकित्सक : चिकित्सक डाॅ असीम प्रकाश ने कहा कि जलजनित रोगों से निजात के लिए लोगों को सजग रहने की जरूरत है. बरसात में इंफेक्शन का भी खतरा बना रहता है. आसपास में जमा पानी और उनमें पनप रहे मच्छरों के प्रकोप से बचाव के लिए साफ-सफाई का ख्याल रखा जाना चाहिए. बासी भोजन, दूषित पानी के सेवन से बचना चाहिए. बारिश के दिनों में उल्टी-दस्त होने, लगातार बुखार आने, ठंड लगकर बुखार आने की शिकायत पर शीघ्र ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर इलाज जांच करना चाहिए. सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए. बाजार में खुले में रखे वस्तुओं के सेवन से परहेज करना चाहिए. भोजन से पूर्व हाथों की सफाई कर लें. सावधानी नहीं बरती गयी तो कोरोना और जलजनित रोग के लक्षण में फर्क नहीं होने की वजह से मरीज को परेशानी हो सकती हैं.

नगर परिषद को नहीं है फिक्र : शहर में लगातार हो रही बारिश से जलजमाव की समस्या लगातार गंभीर हो रही है. नगर परिषद भले ही जलजमाव की समस्या से निपटने को लेकर मुकम्मल व्यवस्था की दावा करती आ रही है, लेकिन वह बस हवा हवाई साबित हो रही है. अभी भी शहर के कई वार्ड, मोहल्ले व सड़कों की हालत दयनीय है. शहर के अधिकांश मोहल्ले में सड़क पर जलजमाव से बारिश का पानी गली मोहल्ले की सड़कों पर बहने लगी है. जलजमाव के कारण हर वार्ड में लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. नाला जाम से निजात के लिए मोहल्ले वासी कराह रहे हैं, जो नगर परिषद के तमाम दावों को जल जमाव मुंह चिढ़ा रहा है. जलजमाव के कारण सड़क पर पैदल चलना दूभर साबित हो रहा है.

लाखों खर्च के बावजूद नहीं बदली हालत : नाली निर्माण पर लाखों खर्च के बावजूद सड़क किनारे नाली तलाश करना मुश्किल साबित हो रहा है. गंदा पानी नाला से निकल कर सड़कों पर बह रही है. शहर के कॉलेज चौक, पंचमुखी चौक, मवेशी अस्पताल रोड, मस्जिद चौक व अन्य जगहों की स्थिति यह है कि पैदल सड़क के इस पार से उस पार जाना मुश्किल हो पा रहा है. हर रास्ते पर जलजमाव की हो रही है समस्या सबसे दुखद स्थिति जगजीवन राम चौक और मवेशी अस्पताल रोड की है. सड़क के बीच गड्ढा इतना बड़ा है कि पैदल गुजरने वालों के इस रास्ते से होकर जाना किसी सजा से कम नहीं है.

posted by ashish jha

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