गुरु के बताए मार्ग पर चल जीवन को बनाएं सार्थक: अरुण लाल दास
सम्मिलित संतमत की स्थापना की और आत्मा-परमात्मा के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाया.

-धूमधाम से मनाई गई महर्षि मेंही की 141वीं जयंती- मुरलीगंज ब्रह्मलीन महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 141वीं जयंती रविवार को प्रखंड क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर सत्संग भवन सहित ग्रामीण इलाकों में शोभा यात्रा निकाली गई. रथ पर महर्षि मेंही जी के तैल चित्र को सजाया गया और जयघोष के साथ शोभायात्रा में दर्जनों श्रद्धालुओं ने भाग लिया. प्रखंड क्षेत्र के जोरगामा गांव में सत्संग प्रेमी अरुण लाल दास के आवास पर प्रातः एवं संध्या कालीन स्तुति, विनती, भजन-कीर्तन, सामूहिक ध्यान और भंडारे का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान अरुण लाल दास ने महर्षि मेंही के जीवन और उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका अवतरण वर्ष 1885 में बैशाख शुक्ल चतुर्दशी को मधेपुरा जिला अंतर्गत खोखसी श्याम गांव स्थित ननिहाल में हुआ था. उन्होंने कहा कि महर्षि मेंही ने अपने तप और सत्संग के माध्यम से लाखों आत्माओं को आध्यात्मिक मार्ग दिखाया. उन्होंने सभी संप्रदायों को जोड़ते हुए सम्मिलित संतमत की स्थापना की और आत्मा-परमात्मा के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाया. उनके बताए मार्ग पर चलकर ही सदगति की प्राप्ति संभव है. उन्होंने उपस्थित लोगों से उनके सिद्धांतों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया. कार्यक्रम में प्रभाष लाल दास, अशोक कुमार, दीपक कुमार, रिप्पू वर्मा, अभिषेक कुमार, स्नेह राज, यश, आयन, निर्मला देवी, रुचि कुमारी, सज्जन कुमारी, अदिति वर्मा, सुनीता देवी सहित अन्य मौजूद थे.
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