Bihar Assembly Election 2020: Bihar Election में जीत का भविष्य तलाशने ज्योतिषियों और पंडितों के यहां लाईन लगाकर पहुंच रहे नेता

Bihar Election Update, टिकट की बाजी जीत चुके नेता हों या फिर टिकट मिलने की गारंटी वाले नेता, हर किसी का रुख इन दिनों ज्योतिष दरबारों की ओर भी है. बिहार चुनाव 2020 में नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त जानने की इच्छा ने ज्योतिष दरबारों या कहिये पंडित जी के दरबारों में रौनक ला दी है. मलमास समाप्त होने के बाद नामांकन का दौर तेजी पकड़ेगा, लेकिन किस दिन व किस समय पर नामांकन किया जाये, इसे जानने के लिए हर नेता पंडित जी की शरण में पहुंच रहे है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2020 4:14 PM

Bihar Election Update, कुमार आशीष, मधेपुरा: टिकट की बाजी जीत चुके नेता हों या फिर टिकट मिलने की गारंटी वाले नेता, हर किसी का रुख इन दिनों ज्योतिष दरबारों की ओर भी है. बिहार चुनाव 2020 में नामांकन के लिए शुभ मुहूर्त जानने की इच्छा ने ज्योतिष दरबारों या कहिये पंडित जी के दरबारों में रौनक ला दी है. मलमास समाप्त होने के बाद नामांकन का दौर तेजी पकड़ेगा, लेकिन किस दिन व किस समय पर नामांकन किया जाये, इसे जानने के लिए हर नेता पंडित जी की शरण में पहुंच रहे है.

प्रत्याशियों में किसी तरह की रुचि नहीं

सरकारी स्तर पर निर्वाचन विभाग के आदेशानुसार अधिसूचना जारी हो चुकी है तथा 13 अक्टूबर से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन का दौर शुरू भी हो चुका है. लेकिन बुधवार को दूसरे दिन भी प्रत्याशियों ने किसी तरह की रुचि नहीं दिखाई.

शुभ मुहूर्त में ही किये जायें शुभ काम

पंडित प्रभाष चंद्र झा ने माना कि इन दिनों राजनीतिज्ञ नामांकन की शुभ तारीख व समय जानने के लिए संपर्क कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी दिन पवित्र हैं, लेकिन ये दिन शास्त्रों में शुभ नहीं माना जाता है. लेकिन बेहतर यही है कि 19 अक्टूबर को सबसे बेहतर ग्रह नक्षत्र का योग है. इस दिन किये गये नामांकन में विजयी होने के ज्यादा प्रावधान है.

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प्रतिद्वंद्वी की कुंडली भी खंगलवा रहे हैं

विधानसभा चुनाव में जहां काफी मश्क्कत के बाद प्रत्याशियों को टिकट मिला, वहीं ये उम्मीदवार भी अपनी जीत को आश्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. इसी के चलते वे ज्योतिषियों के पास अपनी कुंडली में राजयोग की बात पूछने में लगे हैं. कई तो अपने साथ-साथ अपने प्रतिद्वंद्वी की कुंडली भी खंगलवा रहे हैं. प्रतिद्वंदी की जन्म कुंडली न होने पर प्रश्नकुंडली से भी सितारों की चाल का पता लगाया जा रहा है. वहीं, किसे दान करना है और किस रंग के कपड़े पहनने हैं, इसका भी पंडितों से पूछकर ख्याल रखा जा रहा है.

जलार्पण कर मांगा आशीर्वाद

सत्ताधारी पार्टी से जुड़े एक प्रत्याशी ने टिकट मिलने के बाद बाबा सिंहेश्वर नाथ मंदिर जर्लापण किया है. पूछने पर प्रत्याशी ने बताया कि विजयी भव का ही आशीर्वाद बाबा से मिला है. हालांकि कुछ प्रत्याशी को टिकट संबंधित कोई संतोषजनक जवाब पार्टी आलाकमान से नहीं मिला है. इस वजह से भी मंदिर में पूजा कर रहे है.

नामांकन से पहले गुप-चुप कराया हवन

क्षेत्रीय दल के एक प्रत्याशी ने भी अपने नामांकन से पहले गुपचुप तरीके से हवन कराया और जीत का आशीर्वाद लेकर वे मैदान में उतर आए. अपने आप को एक बड़े नेता का राजपुरोहित बताने वाले पंडित जी का कहना है कि टिकट की दौड़ में अपना नाम सबसे आगे समझने वाले प्रत्याशी को उन्होंने पहले ही बता दिया था कि इस बार शायद ग्रह साथ न दें. प्रत्याशी की काफी दौड़ भाग के बाद टिकट कटते कटते बची है. अब नेताजी अपने आगे के राजनीतिक करियर में पैठ जमान में लगे हुए हैं.

दिन के हिसाब से वस्त्र और रंग का चयन

ज्योतिषचार्य बलराम झा ने बताया कि उनसे कई प्रत्याशियों ने संपर्क साधा है. प्रत्याशी अपनी जीत को आश्वस्त करने के लिए अपनी कुंडली में राजयोग की बात पूछना चाहते हैं. कई प्रत्याशी अपने साथ-साथ अपने प्रतिद्वंद्वी की कुंडली भी पूछ रहे हैं. वहीं, पंडित प्रभाष चंद्र झा ने बताया कि कई प्रत्याशी जीत के लिए हवन पूजन आदि करा रहे हैं. लोगों की नजर में न आने के लिए मंदिर में ही पंडित जी प्रत्याशी के नाम से जीत के लिए पूजा कर रहे हैं. ग्रहों की चाल सुधारने और अनुकूल ग्रहों को और ज्यादा प्रभावशाली करने के लिए इस तरह की पूजा की जाती है. निर्दलीय प्रत्याशी इस बारे में भी जानकारी ले रहे हैं कि किस तरह का चुनाव चिन्ह उनके लिए ज्यादा बेहतर रहेगा, साथ ही कैलंडर के हिसाब से कौन से कलर का कपड़ा किस दिन पहनना है. किस चीज का दान किया जाए, जिससे जीत की तरफ बढ़ा जा सकता है.

Posted by : Thakur Shaktilochan

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