राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के समर्थन में खुलकर आए ललन सिंह, केंद्र सरकार पर जमकर बरसे जदयू अध्यक्ष

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने और तेजस्वी यादव को सीबीआई के द्वारा बुलाए जाने के मामले में खुलकर प्रतिक्रिया दिए. उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और भाजपा पर जमकर बरसे. जानिए क्या बोले..

By Prabhat Khabar Print Desk | March 25, 2023 1:57 PM

Bihar Politics: केंद्रीय जांच एजेंसियों के द्वारा की जा रही कार्रवाई और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने का मामला देशभर में गरमाया हुआ है. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज शनिवार को सीबीआई मुख्यालय में हाजिर हुए. वहीं राजद सांसद मीसा भारती को भी ईडी ने पूछताछ की. लालू परिवार जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले की जांच में उलझा हुआ है. वहीं ललन सिंह ने दोनों मामलों पर अपनी प्रतिक्रिया दी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है.

कोर्ट में की है याचिका दायर

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जमीन के बदले नौकरी घोटोले में उलझे लालू परिवार के बारे में कहा कि केंद्र सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने और उनपर दबाव डालने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. 14 राजनीतिक दलों ने एक साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. हम भी उसमें याचिकाकर्ता हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 5 अप्रैल को सुनवाई की तिथि तय की है. ये अघोषित इमरजेंसी है. संस्थाओं को ध्वस्त किया जा रहा है.

Also Read: ‘कांग्रेस ने भी तब यही किया..’, तेजस्वी यादव के खिलाफ CBI एक्शन पर अखिलेश यादव का अलग स्टैंड
लालू परिवार पर आरोपों को लेकर बोले

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ललन सिंह ने कहा कि जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामला कई साल पुराना है. 2014 में सीबीआई ने इस मामले की जांच को बंद कर दिया था. अचानक सीबीआई को कौन सा दिव्य ज्ञान आ गया जो ये फिर से शुरू हो गए. दरअसल जनता सबकुछ देख रही है और समय पर हिसाब भी जनता ही करेगी.

Also Read: तेजस्वी यादव से CBI मुख्यालय में पहली बार हुई पूछताछ, बोले डिप्टी सीएम- लड़ना मुश्किल है लेकिन…
राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर बोले

राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के मामले पर बोलते हुए ललन सिंह बोले कि राहुल गांधी के संबंध में 24 घंटे के अंदर जिस प्रकार से फैसला लिया गया है उससे साफ लगता है कि केंद्र सरकार बेहद हताश है.लोकतंत्र की प्रक्रिया होती है, अदालत का फैसला चुनाव आयोग में जाता है. ये सारी प्रक्रिया जिस तरह महज 10 घंटे में कर दी गयी. इससे दिखाता है कि इसमें केंद्र सरकार की भूमिका है.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version