बिहार चुनाव 2020: किशनगंज के चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवार तो चुनावी चर्चाओं को लेकर बाजार हुआ गर्म, जानें लोगों की राय…

बिहार चुनाव 2020 को लेकर प्रचार अभियान रफ्तार पकड़ने के साथ ही अब बाजारों से ग्रामीण इलाके में लोगों के बीच चुनाव को लेकर चर्चाओं का सिलसिला तेज होता जा रहा है. लोग अब चुनावी रंग में पूरी तरह से रंगने लगे हैं. जगह-जगह लोगों के बीच चुनावी चर्चा अब बहस का रूप लेने लगी है.

By Prabhat Khabar | October 23, 2020 1:39 PM

बिहार चुनाव 2020 को लेकर प्रचार अभियान रफ्तार पकड़ने के साथ ही अब बाजारों से ग्रामीण इलाके में लोगों के बीच चुनाव को लेकर चर्चाओं का सिलसिला तेज होता जा रहा है. लोग अब चुनावी रंग में पूरी तरह से रंगने लगे हैं. जगह-जगह लोगों के बीच चुनावी चर्चा अब बहस का रूप लेने लगी है.


कोई बना रहा फिजा, तो कोई निकाल रहा हवा

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर किशनगंज में लोग अपने राजनीतिक पार्टियों से लेकर प्रत्याशी तक को सही साबित करने के लिए उनके पक्ष में तर्क वितर्क करने लगे हैं. कोई किसी दल तथा प्रत्याशी की अपने तर्क व वितर्क से हवा बना रहा तो कोई उस दल पर प्रत्याशी की हवा निकालने में लगा है. सबके अपने अपने तर्क और अपना-अपना पक्ष है.

चुनावी चर्चा का दौर शहर से होते हुए सुदूर गांव तक पहुंचा 

चुनावी चर्चा का दौर शहर से होते हुए सुदूर गांव तक पहुंच गया है.गुरुवार को दिघलबैंक बाजार में लोगों के बीच चुनावी चर्चा चल रही थी. लोग एक दूसरे से गर्मा गरम बहस कर रहे थे. इस चर्चा में शामिल रऊफ अंसारी ने कहा कि विकास की बातें खूब हो रही हैं. लेकिन विकास धरातल पर नहीं हो रहा है. योजनाएं शुरू हो रही हैं और बीच में ही अटकी रह जाती हैं. इनकी बात का समर्थन करते हुए रामदेव साह ने कहा कि दिघलबैंक का यह हाल हैं कि लोगों के घरों में नल का पानी नहीं पहुंच रहा है. गांवों में कागज में की योजना चल रही है. विकास को धरातल पर परखना चाहिए. हालांकि शाहबुद्दीन इन लोगों की बात से सहमत नहीं थे.

Also Read: Bihar Election 2020: बिहार चुनाव को लेकर सैकड़ों लोगों के शस्त्र का लाइसेंस खतरे में, सत्यापन नहीं कराने पर होगी कार्रवाई
पहले और अब के बिहार में बता रहे काफी फर्क

उन्होंने कहा कि पहले और अब के बिहार में काफी फर्क आ गया है. अब संसाधन पहले से काफी बढ़ गये हैं. गांव गांव में सड़क बन गयी है. बिजली गांव गांव में मिल रही है.पहले क्या हाल था इसकी भी तरफ देखने की जरूरत है. रंजन सिंह भी इनकी बात से सहमत दिखे. उन्होंने कहा कि बिगड़ी व्यवस्था को पूरी तरह से ठीक करने में समय लगता है.

नेता से लेकर आम लोग अपना पॉकेट भरने की ताक में

चर्चा में फिरदौस अहमद ने किसी के पक्ष में दिखे और न ही विरोध में. उन्होंने कहा कि बिहार का विकास तभी होगा जब लोग भी उसमें योगदान देंगे.यहां तो नेता से लेकर आम लोग जिससे मौका मिल रहा है, वह अपना पॉकेट भरने की ताक में रहता है. दल के साथ स्थानीय स्तर पर प्रत्याशी को देखने की भी जरूरत है.

Posted by : Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version