शिलापट्ट लगे तीन साल बीते, पर काम नहीं

बच्चों को उच्च शिक्षा उनके घर पर ही मिले इस उद्देश्य के लिए हर पंचायतों मेंउच्च विद्यालय खोलने का प्रयास तो सरकार कर रही है. परंतु विद्यालयों में आधारभूत संरचना के निर्माण के नाम पर प्रयास शून्य ही है. बात उत्क्रमित उच्च विद्यालय गलगलिया की हो रही है. जहां बड़े तामझाम दावों प्रतिदावों के बीच […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 27, 2015 2:33 AM

बच्चों को उच्च शिक्षा उनके घर पर ही मिले इस उद्देश्य के लिए हर पंचायतों मेंउच्च विद्यालय खोलने का प्रयास तो सरकार कर रही है. परंतु विद्यालयों में आधारभूत संरचना के निर्माण के नाम पर प्रयास शून्य ही है. बात उत्क्रमित उच्च विद्यालय गलगलिया की हो रही है. जहां बड़े तामझाम दावों प्रतिदावों के बीच 2012 में मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बना दिया गया. राजनेताओं में इसे उच्च विद्यालय में तब्दील किये जाने का श्रेय के लिए होड़ मची.

इस बीच विद्यालय भवननिर्माण हेतु पटना की सीएस कंस्ट्रक्शन ने कार्य शुरू किया. विद्यालय परिसर मेंजहां पहले से ही कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है, उच्च विद्यालय भवननिर्माण के लिए उक्त कंपनी द्वारा नींव खोदी गयी परंतु इसके बाद कार्य कोवहीं छोड़ कंपनी फरार हो गयी. तीन वर्षो से फरार उक्त एजेंसी के कारणउच्च विद्यालय भवन निर्माण कार्य रूका पड़ा है. वहीं खोदे गये गड्ढे मेंविद्यालय में अध्ययनरत छोटे छोटे बच्चों के गिरने की घटना के बादविद्यालय प्रबंधन ने उन गड्ढे को तो भरवा दिया. वहीं बात यदि उच्चविद्यालय की शिक्षा की करें तो गलगलिया उच्च विद्यालय में दो शिक्षकपदस्थापित है. जिनमें एक गणित तो दूसरा विज्ञान का बांकी विषयों के लिए

बच्चे ट्यूशन या कोचिंग सेंटर के भरोसे रहते है.
132 बच्चे हैं कक्षा 9 में नामांकित लेकिन भवन की है कमी
विद्यालय में इस वक्त कक्षा 9 में 132 बच्चे पढ़ रहे है तो आठवीं में अध्ययनरत 202 बच्चे अगले सत्र में उच्च विद्यालय में नामांकन की दौड़ में है. ऐसे में विद्यालय में शिक्षकों की कमी तथा भवन का अभाव पूरी शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न चिह्न् लगाने को काफी है.
अधिकारियों को दी है कार्य अधूरा रहने की जानकारी : प्राचार्य
इस मामले में प्रधान शिक्षिका इंद्रावती दत्ता ने बताया कि भवन निर्माण अधूरा छोड़ ठेकेदार के भाग जाने की जानकारी विभागीय अधिकारियों दे दी गयी है. वहीं विद्यालय में शिक्षकों की कमी पर उन्होंने कहा कि जिन विषयों के शिक्षक उपलब्ध नहीं है उन विषयों
की पढ़ाई मध्य विद्यालय के शिक्षकों से करायी जाती है.
प्रयास जारी, जल्द शुरू हो जायेगा निर्माण कार्य : मंत्री
इस बाबत क्षेत्र के विधायक सह सूबे के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नौशाद आलमसे जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उक्त एजेंसी के द्वारा प्रखंड के चारउच्च विद्यालयों के भवन निर्माण का ठेका लिया गया था. जिसमें गलगलिया एवंकादोगांव में बनने वाला भवन अब तक शुरू नहीं हो पाया है. संबंधित बिहारराज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम पटना को इसकी जानकारी दे दी गयी है. जल्द ही भवन निर्माण चालू हो इसके लिए प्रयासरत हूं.

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