अब प्रत्येक माह में 9, 15 एवं 21 तारीख को लगाया जायेगा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व शिविर
एएनसी जांच के दौरान चिकित्सकों द्वारा गर्भवती को आवश्यकतानुसार चिकित्सा परामर्श दिया जाता है .
खगड़िया . सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने व शिशु मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए अब महीने में तीन दिन प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व शिविर लगाया जाएगा . सिविल सर्जन डॉ रमेंद्र सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान पहले प्रत्येक माह की 9 वीं एवं 21 वीं तारीख को लगाया जाता था . जिसमें विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती थी . इसमें गर्भवती महिला अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के सहयोग से अपने-अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जांच करवाने के लिए आती है . एएनसी जांच के दौरान चिकित्सकों द्वारा गर्भवती को आवश्यकतानुसार चिकित्सा परामर्श दिया जाता है . इसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बिट जांच सहित अन्य चिकित्सा परामर्श दिया जाता है . लेकिन अब जुलाई माह से प्रत्येक माह में 9, 15 एवं 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस आयोजित किया जाएगा . इधर, अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने कहा कि वर्ष 2024-25 में गोगरी में हजारों गर्भवती महिलाओं ने प्रसव पूर्व जांच कराई . इसमें दो सौ लगभग 7. 3 प्रतिशत उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई. जबकि अपेक्षित दर 15 प्रतिशत होनी थी. इसका मुख्य कारण पीएमएसएमए दिवस में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं का शामिल नहीं होना है. इससे प्रसव पूर्व जांच की गुणवत्ता प्रभावित हुई. योजना का संचालन तीन दिनों का होने से जिले में एएनसी कराने वाली महिलाओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी होगी .
सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए जांच जरूरी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने बताया कि प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जांच कराना चाहिए . समय पर जांच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता लग जाता है . अब प्रत्येक माह की 9, 15 एवं 21 तारीख को अनुमंडलीय अस्पताल और पीएचसी स्तर पर एएनसी जांच की व्यवस्था जुलाई माह से की गई है . सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच जरूरी है .मातृ एवं शिशु-मृत्यु दर में आयेगी कमी
डॉक्टर चंद्रप्रकाश ने बताया की गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए की गई व्यवस्था से शिशु-मृत्यु दर में कमी आयेगी . इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा . बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा . इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
