जानलेवा हो गया बेला रेलवे फाटक

खगड़िया : खगड़िया-समस्तीपुर रेलखंड पर ईमली व पहरजा हॉल्ट के बीच स्थित खुला बेला रेलवे फाटक जानलेवा बन गया है. लेकिन रेल प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. बेला रेलवे फाटक होकर जा रहे हैं तो जरा संभल कर. मानव रहित इस रेलवे फाटक पर कई बार दुर्घटना हो चुकी है, लेकिन अभी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2017 4:38 AM

खगड़िया : खगड़िया-समस्तीपुर रेलखंड पर ईमली व पहरजा हॉल्ट के बीच स्थित खुला बेला रेलवे फाटक जानलेवा बन गया है. लेकिन रेल प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. बेला रेलवे फाटक होकर जा रहे हैं तो जरा संभल कर. मानव रहित इस रेलवे फाटक पर कई बार दुर्घटना हो चुकी है, लेकिन अभी तक रेलवे प्रशासन की नींद नहीं खुल पायी है.

लिहाजा, एक बार फिर कुहासा का मौसम आते ही लोग सहम गये हैं. कारण हादसे को आमंत्रण दे रहा है यह खुला रेलवे फाटक. बेरोक टोक के इस फाटक से लोग वाहनों के साथ यात्रा करते हैं. रेल फाटकों पर आये दिन दुर्घटना होती रहती है लेकिन रेल प्रशासन इन हादसों से सबक नहीं ले रहा है. बढ़ते ठंड के मौसम में घने कोहरे के कारण समस्तीपुर खगड़िया रेल खंड के ईमली स्टेशन व पहरजा हॉल्ट के बीच बेला मानव रहित ढाला किसी बड़े हादसे को आमंत्रण दे सकता है.

कई मानवरहित फाटक पर हादसे की आशंका
वादा करके भूल गये डीआरएम
बताते चलें कि पूर्व मध्य रेल खंड के समस्तीपुर सहरसा रेल खंड पर कई मानवरहित फाटक हादसे को आमंत्रण दे रहा है. जहां हमेशा ही दुर्घटनाएं होती रहती है. वहीं इमली स्टेशन के बीच चार फाटक मौजूद है. जिनमें से एक(6बी) मुख्य बाजार के बीच पड़ने के कारण एवं गुमटी संख्या(5) मानव रहित है. उसके आगे का दोनों फाटक (5 )ए एवं( 5)बी मानवरहित है. जबकि उक्त रेलखंड पर प्रतिदिन राजधानी सुपर फास्ट समेत करीब 15 जोड़ी माल व पैसेंजर गाड़ियों का परिचालन होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब जागेगा रेल प्रशासन.
लंबी है दुर्घटनाओं की लिस्ट
उक्त रेलखंड पर मानव रहित रेल फाटक की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की लंबी फेहरिस्त है. बावजूद रेलवे के अधिकारियों की नींद नहीं टूटी है. इस रेलखंड पर जुलाई में रामपुर पठान टोली स्थित ट्रेन मैजिक की भिड़ंत मैजिक चालक व उसके सहयोगी की मौत हो गयी थी. इसके पूर्व 31 जुलाई 2016 को रेलखंड के ही बखरी मछुआ ढाला पर ट्रेन और ट्रक की जबर्दस्त टक्कर में अलौली थाना क्षेत्र के झखड़ा निवासी बलजीत यादव को अपनी जान गवानी पड़ी थी.
तत्कालीन डीआरएम ने घटना स्थल पर पहुंच कर ईमली व सलौना मे पड़ने वाले फाटक पर रेल अंडर ब्रिज निर्माण का आश्वासन लोगों को दिया था. डेढ़ वर्ष बीतने को है. घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है. इसी रेल खंड के शासन हॉल्ट के समीप वर्ष 2013 में समपार पर आनंद विहार न्यू जलपाईगुड़ी सुपरफास्ट ट्रेन व ट्रैक्टर की टक्कर में ड्राइवर की मौत हुई थी. इसके पूर्व भी इस रेलखंड पर कई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं. बावजूद रेल प्रशासन कुंभकर्णी नींद में है. ऐसा लग रहा है मानो रेल प्रशासन इससे भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है.

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