बीएड की मान्यता बचाने में जुटा पूर्णिया विवि प्रशासन
बीएड की मान्यता बचाने में जुटा पूर्णिया विवि प्रशासन
– रिक्त सीटों को भरने को लेकर कवायद हुई तेज – पहले पांच, फिर सात अब नौ सदस्यीय कमेटी का गठन कटिहार पूर्णिया विवि के दो अंगीभूत महाविद्यालयों में बीएड कॉलेज का संचालन हो रहा है. उक्त दोनों कॉलेजों में शिक्षक व कर्मचारियों की संख्या काफी कम रहने के कारण इसके मान्यता पर मंडरा रहे खतरे को भांप पूर्णिया विवि प्रशासन मान्यता बचाने के फिराक में जुट गयी है. दोनों कॉलेजों में शिक्षकों कर्मचारियों की तय संख्या से कम है. इसी को भरने को लेकर कवायद तेज कर दी गयी है. हालांकि यह अलग बात है कि पहले पांच, उसके बाद सात फिर नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. जिसको लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है. पूर्णिया विवि के कुलपति प्रो विवेकानंद सिंह के आदेश पर पीयू के रजिस्टार डॉ प्रणय कुमार गुप्ता द्वारा रिक्त पदों के विस्द्ध विज्ञापन को लेकर पांच सदस्यीय टीम में वाणिज्य विभाग के डीन प्रो इश्तियाक अहमद, अररिया कॉलेज के प्राचार्य प्रो आरडी पासवान, इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज साइंस डॉ गोपाल कुमार, असिस्टेंट रजिस्टार स्थापना व असिस्टेंट रजिस्टार एकेडमिक मेंबर सेक्रेट्री को नामित किया गया. पुन: 11 सितम्बर 2025 को दोनों कॉलेज के प्राचार्य को नामित किया गया. 12 सितंबर को 13 सितंबर को पीयू में होने वाली बैठक के लिए डीएस कॉलेज के बीएड विभाग के प्रशांत कुमार व फारबिसगंज बीएड कॉलेज के संतोष कुमार झा को नामित किया गया. इससे पूर्व दो बार निकल चुका है विज्ञापन शिक्षकों व कर्मचारियों का कहना है कि इससे पूर्व भी बीएड में रिक्त सीटों को भरने के लिए दो बार विज्ञापन निकाला जा चुका है. अभ्यथियों द्वारा आवेदन भरा गया लेकिन आज तक न तो इंटरव्यूह हुई न ही रिक्त सीटों पर बहाली हो पायी. धीरे धीरे बीएड कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारी दूसरे विद्यालयों में बहाल हो गये. जिसका नतीजा है कि डीएस कॉलेज बीएड विभाग में शिक्षकों की भारी संख्या हो गयी है. डीएस कॉलेज के शिक्षकों व कर्मचारियों की माने तो 13 सितम्बर को होने वाली बैठक के लिए डीएस कॉलेज से डॉ अनवर हुसैन व बीएड विभाग के शिक्षक प्रशांत कुमार दोपहर पूर्णिया विवि रवाना हुए. अब देखना यह होगा कि बीएड की मान्यता बचाने को लेकर कब तक विज्ञापन निकाला जाता है. कब रिक्त सीटों को भरा जायेगा. ताकि बीएड की मान्यता बरकरार रह सके. ऐसा बीएड व डीएस कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों का कहना है.
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