चचरी पुल से लोगों को करना पड़ रहा आवागमन, बुनियादी सुविधा भी बदहाल
चचरी पुल से लोगों को करना पड़ रहा आवागमन, बुनियादी सुविधा भी बदहाल
कोढ़ा कोढ़ा प्रखंड के रौतारा पंचायत में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी के कारण ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जर्जर सड़कें, अधूरी नल-जल योजना, कमजोर स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा की बदहाली से लोग त्रस्त हैं. रोजगार के अवसर न मिलने के कारण बड़ी संख्या में पंचायत के लोग गुजरात, केरल, दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा और हैदराबाद पलायन करने को मजबूर हैं. सड़कों की हालत बदतर, पुल के अभाव में दोगुनी दूरी पंचायत के चापी और शेख टोला समेत कई वार्डों की सड़कें जर्जर हालत में हैं. बारिश के दिनों में जलजमाव से स्थिति और बिगड़ जाती है. पंचायत को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाला कोई पुल नहीं है. जिससे ग्रामीणों को 15 किलोमीटर की बजाय 30 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. लोग जान जोखिम में डालकर चचरी पुल के सहारे आवाजाही करने को मजबूर हैं. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, मरीजों को होती है परेशानी रौतारा पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र तो है, लेकिन जरूरी संसाधनों की भारी कमी है. डॉक्टरों और दवाओं के अभाव के कारण ग्रामीणों को इलाज के लिए कटिहार या निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है. गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दूर जाने से समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है. अधूरी नल-जल योजना, ग्रामीण शुद्ध पेयजल से वंचित ‘हर घर नल-जल योजना का लाभ अब तक केवल 50% लोगों को ही मिल पाया है. कई वार्डों में पाइपलाइन तो बिछाई गयी. लेकिन पानी की आपूर्ति अब तक शुरू नहीं हो सकी. ग्रामीण अब भी कुओं और हैंडपंपों पर निर्भर हैं.पंचायत में रोजगार के अवसर न होने के कारण बड़ी संख्या में युवा और मजदूर दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. पंचायत की मुखिया मर्जिया खातून का कहना है कि सरकार यदि स्वरोजगार योजनाओं को सही ढंग से लागू करे और छोटे उद्योगों को बढ़ावा दे, तो पलायन को रोका जा सकता है.
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