Bihar: गोलीबारी के बाद लापता रिटायर्ड फौजी का नहीं मिला शव तो परिजनों ने पुतला बनाकर किया दाह संस्कार

बिहार के कटिहार में एक दिल दहलाने वाला दृश्य दिखा जब छह दिनों तक एक रिटायर्ड फौजी और उनके भाई का शव नहीं ढूंढ पाने के बाद परिजनों ने दोनों का पुतला बनाकर दाह संस्कार किया.

By Prabhat Khabar | September 24, 2021 10:08 AM

कटिहार: रिटायर्ड आर्मी जवान महेश यादव व उनके भाई सुनील यादव का शव घटना के छठे दिन गुरुवार को भी नहीं मिल पाया. शव नहीं मिलने पर परिजनों ने आजमपुरगोला गंगा घाट पर दोनों के शव का पुतला बनाकर दाह संस्कार किया. दाह संस्कार के समय दृष्य हृदय विदारक था. वहां मौजूद स्थानीय लोगों को झकझोर दिया. दोनों लापता के कुश का पुतला बनाकर हिन्दू रीति रिवाज के साथ दाह संस्कार किया गया.

गंगा घाट पर लापता महेश यादव का पुत्र पवन यादव, सुमन, लापता सुनील यादव का पुत्र शिवम यादव, पियूष समेत अन्य परिजन और ग्रामीण थे. आजमपुरगोला गंगा घाट पर सभी का आंखे नम थी. मनिहारी गंगा नदी के काशीचक दियारा क्षेत्र से लापता रिटायर्ड आर्मी महेश यादव व उनके भाई सुनील यादव 18 सितंबर से लापता है. जमीन विवाद में वहां गोलीबारी हुई थी.

परिजनों का कहना है कि अपराधियों ने रिटायर्ड आर्मी जवान महेश यादव उसके भाई सुनील यादव को गोली मारकर हत्या कर दोनों के शव को कही फेंक दिया है. मनिहारी पुलिस दोनों के शव को खोज नहीं पायी है. परिजन लगातार शव की बरामदगी और घटना में शामिल अपराधियों के गिरफ्तारी की मांग कर रहे है.

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स्थानीय लोगों ने कहा कि आर्मी से रिटायर्ड जवान महेश यादव काफी हिम्मत वाले व्यक्ति थे. जमीन विवाद में जब अपराधियों ने जमीन पर आने से गोली मारकर हत्या की धमकी दी थी तो उन्होंने सबसे पहले कानून का सहारा लिया. लेकिन पुलिस ने उनके गुहार को अनसुना कर दिया. उन्हें पहले से भय था कि कोई न कोई घटना होगी.

स्थानीय बताते हैं कि वो काशीचक दियारा क्षेत्र अपने भाई सुनील यादव व अन्य लोगों के साथ गये. वहां पहले से घात लगाये अपराधियों ने गोली की बौछार कर दोनों भाइयों की हत्या कर दी. लोगों का कहना है कि जिस जवान ने देश के लए इतना कुछ किया. उनकी मदद मनिहारी पुलिस ने नहीं की. यदि थोड़ी भी संवेदना दिखायी होती तो आज दोनों भाई जिंदा होते.

स्थानीय लोगों का आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि एसपी विकास कुमार भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. लापवाह थानाध्यक्ष ने अब तक कोई कार्रवाई तक नहीं की है. आखिर वह कौन सी वजह है, जिसके कारण थानाध्यक्ष को बचाया जा रहा है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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