जहानाबाद स्टेशन परिसर में फायर सेफ्टी की अनदेखी

पटना-गया रेलखंड के जहानाबाद रेलवे स्टेशन परिसर में अगलगी की घटना से बचाव की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. वर्तमान समय में स्टेशन का मुख्य भवन तोड़ा गया है जहां नये भवन का निर्माण अमृत भारत स्टेशन योजन के तहत किया जाना है. ऐसे में स्टेशन परिसर में अन्य कहीं भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं. स्टेशन मास्टर के कमरे में सिर्फ दो अग्निशमन यंत्र रखे हुए हैं जिसकी एक माह पूर्व जांच हुई थी कि यंत्र चालू हालत में है या नहीं.

By Prabhat Khabar | April 24, 2024 10:53 PM

पटना-गया रेलखंड के जहानाबाद रेलवे स्टेशन परिसर में अगलगी की घटना से बचाव की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. वर्तमान समय में स्टेशन का मुख्य भवन तोड़ा गया है जहां नये भवन का निर्माण अमृत भारत स्टेशन योजन के तहत किया जाना है. ऐसे में स्टेशन परिसर में अन्य कहीं भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं. स्टेशन मास्टर के कमरे में सिर्फ दो अग्निशमन यंत्र रखे हुए हैं जिसकी एक माह पूर्व जांच हुई थी कि यंत्र चालू हालत में है या नहीं. अन्य कहीं भी कोई अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है जिससे कि अगलगी की घटना पर काबू पाया जा सके. बीते दिन मुजफ्फरपुर में एक ट्रेन में लगी आग को बुझाने के दौरान अग्निशमन यंत्र ब्लास्ट कर गया था जिसमे एक आरपीएफ जवन की मौत हो गयी थी. इस घटना के बाद भी रेलवे के अधिकारियों द्वारा कोई सबक नहीं लिया गया और वर्षों से रखे अग्निशमन यंत्र की जांच नहीं की गयी. अगर इस तरह की अगलगी की घटना जहानाबाद स्टेशन पर भी होती है तो आग पर काबू पाना मुश्किल जो जायेगा. यहां अग्निशमन विभाग के भरोसे आग पर काबू पाने का मनसूबा रेलवे पाले बैठा है. जीआरपी व आरपीएफ थाने में भी नहीं लगा है अग्निशमन यंत्र : स्टेशन परिसर में जीआरपी तथा आरपीएफ का अपना थाना भवन बना हुआ है. हालांकि इन थाना भवनों में भी अगलगी से बचाव के कोई उपाय नहीं किये गये हें. कहीं भी काई अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है. आरपीएफ थाने में अगलगी से बचाव के लिए अग्निशमन गोला उपलब्ध है. हालांकि कहीं भी अग्निशमन यंत्र नहीं लगा है. ऐसे में अगर इन भवनों में भी अगलगी की घटना होती है, तो उस पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग का सहारा लेना पड़ेगा. इस संबंध में स्टेशन मास्टर संतोष कुमार ने कहा कि अगलगी से बचाव के लिए दो अग्निशमन यंत्र रखे हुए हैं. बीते माह इन यंत्रों की जांच हुई थी. अगलगी की घटना पर काबू पाने के लिए बालू तथा पानी की उपलब्धता भी है.

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