शहर की सड़कों पर नहीं दिख रही हरियाली, सूना पड़ा ग्रेवियन

जहानाबाद : किसी शहर की खूबसूरती में उसके सड़कों के बीच में लगे डिवाइडर और किनारों पर हरियाली का बड़ा योगदान होता है लेकिन जहानाबाद शहर में सड़कों के किनारे और डिवाइडरों पर पेड़-पौधों की भारी कमी है. शहर से गुजरनेवाले एनएच 83 के बीच में सालों पहले डिवाइडर पर ग्रेवियन बनाये गये थे और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2019 12:22 AM

जहानाबाद : किसी शहर की खूबसूरती में उसके सड़कों के बीच में लगे डिवाइडर और किनारों पर हरियाली का बड़ा योगदान होता है लेकिन जहानाबाद शहर में सड़कों के किनारे और डिवाइडरों पर पेड़-पौधों की भारी कमी है. शहर से गुजरनेवाले एनएच 83 के बीच में सालों पहले डिवाइडर पर ग्रेवियन बनाये गये थे और लोहे की जाली से उनको सुरक्षित किया गया था. डीएम आवास से फिदा हुसैन मोड़ तक करीब 30 ग्रेवियन बने हैं, जिनमें से दो-तीन को छोड़कर सभी सूने पड़े हैं.

हालांकि जिला प्रशासन द्वारा शहरी सौंदर्यीकरण समिति के माध्यम से विभिन्न संस्थाओं को फूल-पत्ती लगाने के लिए जिम्मेदारी दी गयी थी लेकिन एक-दो को छोड़कर किसी ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की. शहर के विभिन्न पार्कों, चौराहों का रखरखाव और सौंदर्यीकरण की आवश्यकता को देखते हुए कई बैंकरों, प्रतिष्ठानों एवं विद्यालयों को इसकी जिम्मेदारी दी गयी, बावजूद लगभग सभी डिवाइडर सूने पड़े हैं.
गत दो-तीन वर्षों में सड़क के ठीक बीचोबीच बने इन ग्रेवियंस पर ट्रकों और भारी वाहनों की टक्कर से काफी टूट-फूट हो गयी थी, जिसको गत दो-तीन महीने में नगर पर्षद द्वारा मरम्मत करवाकर रंग-रोगन कराया गया था. इसके बाद उम्मीद जगी थी कि सभी डिवाइडरों में पौधे लगाये जायेंगे लेकिन हर बार की तरह इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया.
डीएम के निर्देश के बावजूद नहीं हुआ सौंदर्यीकरण : फरवरी माह में शहरी सौंदर्यीकरण की बैठक में जिलाधिकारी नवीन कुमार ने सभी बैंकरों, विद्यालयों, विभिन्न खेल संघों, प्रतिष्ठानों को निर्देश दिया था कि सड़क के बीच बने डिवाइडरों पर पहले से ली गयी अपनी जिम्मेदारी के अनुसार सौंदर्यीकरण का काम पूरा करें ताकि शहर खूबसूरत दिखे और जहानाबाद से गुजरनेवाले लोग शहर के बारे में एक अच्छी छाप मन में लेकर जाएं. इसके लिए डीएम ने सभी संस्थानों को 15 दिन का समय दिया था.
15 दिन के अंतराल पर कार्य नहीं कराने की स्थिति में दूसरे प्रतिष्ठान को इसकी जिम्मेदारी दी जायेगी. वहीं नगर पर्षद द्वारा भी सभी संबंधित संस्थानों को कहा गया था कि व्यक्तिगत रूप से कार्य कराने में असुविधा होने पर नगर पर्षद के माध्यम से भी ग्रेवियंस के रख-रखाव का काम करवाया जा सकता है लेकिन हर साल की तरह शहरी सौंदर्यीकरण समिति की बैठक में सिर्फ खानापूर्ति हुई और नतीजा सिफर रहा.

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