जहानाबाद : मकान तोड़ने की नहीं ली थी परमिशन, मिट गयीं पांच जिंदगियां

जहानाबाद : शहर की घनी आबादी के बीच बसे पंचमहल्ला मुहल्ले में मकान के मलबे से हुई पांच लोगों की मौत ने लोगों को हिला कर रख दिया. दर्दनाक मंजर को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा. जानकारी के अनुसार, दो मंजिला मकान को तोड़कर नया मार्केट बनाने के लिए वरुण ने राम प्रसाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 27, 2018 6:58 AM
जहानाबाद : शहर की घनी आबादी के बीच बसे पंचमहल्ला मुहल्ले में मकान के मलबे से हुई पांच लोगों की मौत ने लोगों को हिला कर रख दिया. दर्दनाक मंजर को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा. जानकारी के अनुसार, दो मंजिला मकान को तोड़कर नया मार्केट बनाने के लिए वरुण ने राम प्रसाद से खरीद की थी, जो करीब 60-70 वर्ष पुराना है.
मकान तोड़ने के लिए नगर पर्षद से अनुमति नहीं ली गयी थी. डीएम आलोक रंजन घोष ने इसकी पुष्टि भी की है. इतना ही नहीं, पुराने मकान को तोड़ने का काम दिन में शुरू कर दिया गया था. हालांकि, आसपास के लोगों ने रात में काम लगाने की सलाह दी थी. घटना के एक घंटे बाद बचाव दल पहुंचा, जिसके बाद जेसीबी की सहायता से मलबे के नीचे दबे शवों को निकाला गया.
मकान मालिक पर होगी कार्रवाई : डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा किपुरानी इमारत का छज्जा गिरने से चार लोगों की मौत हुई है. डीएम ने यह भी कहा कि मकान मालिक पर आवश्यक कार्रवाई होगी. उसकी पहचान करायी जा रही है. पंचमहल्ला मुहल्ला पुराना मुहल्ला होने के कारण यहां के अधिकांश मकान पुराने हैं. इन मकानों को चिह्नित कराया जायेगा.
गोलू व मोनू के सिर से उठा मां का साया
पोस्टमार्टम रूप के बाहर पिता कारू के सीने से लिपटकर गोलू और मोनू (दोनो भाई) बदहवास था. हादसे में मां की मौत से दोनों रो रहे थे. इनके सिर से मां का साया उठ गया. अपने बेटों को दोनों कंधों से लिपटकर रो रहा कारू लोगों से बयां कर रहा था कि उसका पुत्र गोलू पहले ऋषिकेश में पढ़ता था. बाद में उसका एडमिशन रांची में कराया गया था. दो दिनों पूर्व ही वह अपने घर जहानाबाद आया था. अपनी मां से उसने जी भर बातें भी नहीं की थी.
लोगों ने काटी बिजली, वरना जा सकती थीं और जानें
जिस वक्त मकान का मलबा सड़क पर गिरा मलबे के साथ बिजली का तार भी सड़क पर गिर पड़ा, जिसमें करेंट दौड़ रही थी. कुछ स्थानीय लोगों ने सक्रियता दिखाते हुए सबसे पहले समीप के ट्रांसफॉर्मर से उक्त इलाके की बिजली काटी. इसके बाद धीरे-धीरे लोग घटनास्थल के समीप इकट्ठे होकर मलबे के बाहर घायल पड़े लोगों को भेजने में जुट गये, लेकिन मलबा भारी होने के कारण घंटों जेसीबी का इंतजार करना पड़ा. यदि लोगों ने ट्रांसफॉर्मर से बिजली नहीं काटी होती तो लोग करेंट की चपेट में आ सकते थे.

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