पुस्तक माफियाओं को पकड़ने में जुटी पुलिस, छापेमारी जारी

जहानाबाद : शहर के शिवाजी पथ और फिदा हुसैन रोड में संचालित दो पुस्तक दुकानों से 199 नकली किताबें जब्त किये जाने के मामले में पुलिस पुस्तक माफियाओं को पकड़ने में जुट गयी है. नकली किताब बेचने वाले असली कारोबारियों को पकड़ने की मुहिम तेज हो गयी है. इस बीच नकली किताबें जब्त किये जाने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 20, 2018 1:07 AM

जहानाबाद : शहर के शिवाजी पथ और फिदा हुसैन रोड में संचालित दो पुस्तक दुकानों से 199 नकली किताबें जब्त किये जाने के मामले में पुलिस पुस्तक माफियाओं को पकड़ने में जुट गयी है. नकली किताब बेचने वाले असली कारोबारियों को पकड़ने की मुहिम तेज हो गयी है. इस बीच नकली किताबें जब्त किये जाने के मामले में नगर थाने में कांड संख्या 310/18 दर्ज की गयी है, जिसमें तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.

प्राथमिकी में ज्ञान गंगा दुकान के मालिक भोला कुमार और उसके पिता उदय सिंह एवं बुक्स वर्ल्ड के मालिक रेजाउर रहमान को अभियुक्त बनाया गया है. हालांकि छापेमारी के दौरान हिरासत में लिये गये उदय सिंह और रेजाउर रहमान से पूछताछ के बाद दोनों को फिलहाल नोटिस देकर मुक्त कर दिया गया है. नगर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर शाही ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि प्रावधान के तहत दोनों को अभी नोटिस देकर छोड़ा गया है. पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि उनलोगों ने किताबों का पब्लिकेशन नहीं किया है बल्कि बिक्री के लिए पुस्तकें खरीदी थीं. जहां से किताबें खरीदी गयी थीं उसके प्रमाण भी उपलब्ध हैं.

जहां से किताबें लायी गयी थीं वहां से प्रदत्त वाउचर, कैशमेमो के बारे में पुलिस को बताया गया है. बुधवार को एस चांद यूपी के मसूरी अंतर्गत राजीवपूरम डासना निवासी और एस चांद पब्लिशर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स के प्राधिकृत अधिकारी संजीव कुमार राघव के बयान पर नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी पब्लिशर्स कंपनी की असली किताबों का नकली रूप तैयार कर उसे बाजार में बेचने की शिकायत मिली थी. इस आलोक में एसपी के निर्देश पर नगर थाने की पुलिस के साथ की गयी छापेमारी में उक्त दोनों स्थानों पर संचालित ज्ञान गंगा और बुक्स वर्ल्ड दुकान से 199 नकली किताबें जब्त की गयी थीं. पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी के आलोक में इस गंभीर मामले की तहकीकात शुरू कर दी है. कंपनी के नाम पर नकली किताबें कहां छपती हैं, उसके वितरक कौन-कौन हैं. नकली किताबें बेचकर सरकार के टैक्स की चोरी करने और छात्र-छात्राओं को ठगने में माफिया गिरोह का कौन-कौन सदस्य शामिल हैं, इन सभी बिंदुओं पर अनुसंधान शुरू किया गया है. पुलिस के अनुसार शीघ्र ही इस अवैध धंधे में लिप्त जालसाजों को गिरफ्तार किया जायेगा.

नकली किताब के असली कारोबारियों को पकड़ने की मुहिम हुई तेज
दर्ज एफआईआर में तीन नामजद, हिरासत में लिये गये दोनों विक्रेता किये गये मुक्त

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