एक पखवारे में तीन प्रसूताओं की हुई मौत

हर बार इलाज में लापरवाही का लगा है आरोप जहानाबाद,नगर : सदर अस्पताल में बीते एक पखवारे में तीन प्रसूता की मौत इलाज के दौरान हो गयी. हर बार परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया गया. लेकिन इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं खुली जिसका परिणाम हुआ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 3, 2017 4:00 AM

हर बार इलाज में लापरवाही का लगा है आरोप

जहानाबाद,नगर : सदर अस्पताल में बीते एक पखवारे में तीन प्रसूता की मौत इलाज के दौरान हो गयी. हर बार परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया गया. लेकिन इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं खुली जिसका परिणाम हुआ कि मंगलवार की देर रात भी एक और प्रसूता को अपनी जान गंवानी पड़ी. जिले के सबसे बड़े अस्पताल में मरीज इस सोच के साथ पहुंचते हैं कि यहां बेहतर इलाज की सुविधा के साथ ही बेहतर व्यवस्था होगी,
लेकिन यहां भी उन्हें परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है. विगत 19 जुलाई को सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंची एक प्रसूता की मौत ऑपरेशन के तुरंत बाद हो गयी थी. पटना जिले के सिगोड़ी थाना अंतर्गत नेरीया गांव निवासी पवन शर्मा की पत्नी मंसा कुमारी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्रसव पीड़ा से महिला परेशान थी. चिकित्सीय जांच के उपरांत महिला का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन कक्ष से बाहर निकलते ही महिला की हालत बिगड़ने लगी थी और कुछ देर बाद ही महिला ने दम तोड़ा दिया था.
इस घटना के दो दिन बाद ही 22 जुलाई को मखदुमपुर निवासी चंदन पासवान की पत्नी कंचन देवी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. कंचन देवी को रेफरल अस्पताल मखदुमपुर द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया गया था. सदर अस्पताल में प्रसव वेदना से कराह रही महिला को चिकित्सक द्वारा एक इंजेक्शन लगाया गया था. इंजेक्शन लगाने के बाद ही महिला की हालत बिगड़ने लगी थी और उसकी मौत हो गयी थी. इन दोनों घटनाओं के बाद परिजनों द्वारा इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया गया था. इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं खुली.
मंगलवार की देर रात भी प्रसव कराने आयी एक प्रसूता तथा उसके एक नवजात की मौत ने एक बार फिर परिजनों को आक्रोशित कर दिया. आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में बवाल करने के साथ ही सड़क पर उतर अपने गुस्से का इजहार किया तथा इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. हर बार रात्रि के समय ही मरीज की मौत हुई है. परिजनों का आरोप है कि रात्रि में कोई महिला चिकित्सक इलाज करने नहीं पहुंचती है नर्स के सहारे के ही मरीजों को
छोड़ दिया जाता है. इससे मरीज
को अपनी जान गंवानी पड़ती है. लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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