शहीद सुनील को दी गयी अंतिम विदाई, फूट-फूट कर रो पड़े जमुई के जिलाधिकारी

खैरा (जमुई): भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बीते मंगलवार शहीद हुए थाना क्षेत्र के हरणी पंचायत अंतर्गत लंगड़ीटांड गांव निवासी शहीद सुनील कुमार मुर्मू को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गयी. इस दौरान अश्रुपुरित नैनों से लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन किया तथा पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2018 6:45 PM

खैरा (जमुई): भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बीते मंगलवार शहीद हुए थाना क्षेत्र के हरणी पंचायत अंतर्गत लंगड़ीटांड गांव निवासी शहीद सुनील कुमार मुर्मू को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गयी. इस दौरान अश्रुपुरित नैनों से लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन किया तथा पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. बताते चलें कि शहीद एसके मुर्मू का पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव हरणी स्थित लंगड़ी टांग लाया गया. जिसके बाद अपने लाल के अंतिम दर्शन के इंतजार में बैठे लोगों ने आंसुओं से उनके अंतिम दर्शन किये. तत्पश्चात उन्हें जिला पुलिस तथा एनडीआरएफ की टीम के द्वारा राजकीय सम्मान तथा सैन्य व राष्ट्रीय सम्मान दिया गया.

इसके उपरांत जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, बीएसएफ-एनडीआरएफ के अधिकारी तथा उपस्थित अन्य लोगों ने उनके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद शाहिद को 21 राइफलों की सलामी देकर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. इस दौरान आस-पास के गांव से बड़ी संख्या में लोग अपने गांव के लाल के दर्शन को उमड़ पड़े थे. लोग अपने साथ तिरंगा झंडा लेकर आये थे तथा शहीद एसके मुर्मू अमर रहे और जब तक सूरज चांद रहेगा सुनील तुम्हारा नाम रहेगा जैसे गगनभेदी नारे भी लगा रहे थे. बीएसएफ और जिला पुलिस बल के द्वारा सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिये जाने के उपरांत उनके पार्थिव शरीर को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.

जिसके बाद धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को दफनाया गया. बताते चलें कि भारत-पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर बीते मंगलवार को फॉरवर्ड डिफेंडेड लोकेशन (एफएलडी) पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवान सुनील कुमार मुर्मू को पाकिस्तानी स्नाइपर ने गोली मार दी थी. जिसके बाद उन्हें जख्मी हालत में इलाज के लिए जम्मू अस्पताल लाया गया था जहां उनकी मौत हो गयी थी.

शहीद सुनील की अंतिम विदाई देने शुक्रवार को जब जिलाधिकारी डॉ कौशल किशोर और पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी लंगड़ीटांड पहुंचे तब उन्हें शहीद सुनील मुर्मू के भाई संदीप मुर्मू के रोष का भी सामना करना पड़ा. संदीप ने जिलाधिकारी के आते ही उनसे शहादत के 72 घंटे से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद आने का कारण पूछा. शहीद के भाई के प्रश्न का जिलाधिकारी कुछ जवाब नहीं दे सके और वह बस चुपचाप एक टक शहीद सुनील के पार्थिव शरीर को देखते रहे. जिसके बाद देखते ही देखते जिलाधिकारी के आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली और वह खुद पर काबू नहीं रख सके. शहीद सुनील के परिजनों के चीत्कार ने जिलाधिकारी को इस कदर झकझोर दिया कि वह फफक-फफक कर रोने लगे और बस शांत चित्त भाव से खड़े हो गये. जिसके बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों ने जिलाधिकारी को संभाला और उन्हें लेकर अंतिम संस्कार की आगे की कार्रवाई के लिए चले गये.

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