बेलगाम ट्रकों की टक्कर, चालक की मौत

बटिया घाटी के चिरेन पुल के समीप हुआ हादसा सहायक घायल, एनएच 333 पर बाधित हुआ यातायात सोनो(जमुई) : एनएच 333 जमुई-चकाई मुख्य मार्ग के बटिया घाटी स्थित चिरेन पुल के समीप गुरुवार की सुबह सात बजे दो ट्रकों की टक्कर हो गयी. इस दुर्घटना में एक ट्रक के घायल चालक की मृत्यु जमुई सदर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2017 4:42 AM

बटिया घाटी के चिरेन पुल के समीप हुआ हादसा सहायक घायल, एनएच 333 पर बाधित हुआ यातायात

सोनो(जमुई) : एनएच 333 जमुई-चकाई मुख्य मार्ग के बटिया घाटी स्थित चिरेन पुल के समीप गुरुवार की सुबह सात बजे दो ट्रकों की टक्कर हो गयी. इस दुर्घटना में एक ट्रक के घायल चालक की मृत्यु जमुई सदर अस्पताल ले जाने के क्रम में हो गयी जबकि उसी ट्रक का सहायक (खलासी) गंभीर रूप से जख्मी हो गये. सहायक का इलाज जमुई सदर अस्पताल में हो रहा है. मृतक चालक की पहचान मोतिहारी जिला के चिरैया थाना क्षेत्र अंतर्गत अरहोरिया निवासी शिवनाथ सिंह (45) के रूप में की गयी जबकि घायल खलासी सचिन कुमार (30) भी इसी गांव का रहने वाला है.
दुर्घटना के बाद चिरेन पुल जाम हो जाने से कुछ समय के लिए यातायात पूरी तरह बाधित हो गया. बाद में पुलिस ने चालकों के सहयोग से थोड़ी जगह बना पाने में कामयाब हुए जिससे छोटे वाहनों का आवागमन सुचारू हो सका परंतु बड़े वाहनों का आवागमन घंटों ठप्प रहा. परेशानी को देखते हुए पुलिस ने क्रेन लाकर दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को हटाने का निर्णय लिया ताकि बड़े वाहनों का भी आवागमन सुचारू हो सके. घटना के संदर्भ में खलासी सचिन ने बताया कि वो लोग दुर्गापुर से ट्रक में लोहा का सिल्ली लादकर नेपाल जा रहा था. चिरेन पुल के बिल्कुल समीप एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दिया. जिस ट्रक ने टक्कर मारी उसे लेकर चालक फरार हो गया. टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रक के केबिन में घायल चालक व सहायक फंस गया था. दुर्घटना की सूचना पाकर सोनो थाना से एसआई भूपेंद्र कुमार व चंद्रमंडीह थानाध्यक्ष दीपक कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. ट्रक के केबिन को काटकर गंभीर रूप से दोनों घायल को बाहर निकाल कर फौरन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनो लाया गया जहां प्रारंभिक इलाज के उपरांत दोनों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. सदर अस्पताल जाने के क्रम में ही चालक की मृत्यु रास्ते मे ही हो गयी. अस्पताल में चिकित्सक ने भी उसे मृत घोषित कर दिया जबकि सहायक को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराया गया. बताते चलें कि चिरेन पुल की जर्जर स्थिति व भौगोलिक स्थिति के कारण यहां प्रायः दुर्घटना होती है.
दुर्घटनाओं के बावजूद प्रशासन चिरेन पर उदासीन . सोनो. बटिया घाटी का चिरेन पुल बीते तीन चार वर्षों से दुर्घटनाओं को लेकर काफी चर्चा में रहा है. हाल के वर्षो में इस पुल पर हुए दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर गौर करें तो चिरेन पुल ने दुर्घटनाओं का अर्धशतकीय पारी पूरा कर लिया है. इतना ही नही भौगोलिक स्थिति व पुल पर जर्जर सड़क की स्थिति को देख कोई भी सहज अंदाजा लगा सकता है कि यह पुल दुर्घटनाओं को किस तरह आमंत्रित करता है.

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