Income Tax की सबसे बड़ी रेड: भागलपुर में पूर्व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के घर पर लगातार दूसरे दिन छापेमारी

Bihar News: भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड हुई. लगातार दूसरे दिन भी छापेमारी जारी रही. चर्चे में आए गुंडा बैंक में राजेश वर्मा का नाम आने के बाद वो संकट में घिरे...

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2022 9:05 AM

Bihar News: भागलपुर में इनकम टैक्स की टीम बुधवार को उतरी. सुबह आठ बजे 200 से अधिक आयकर अधिकारियों की 25 टीम शहर पहुंची और 11 लोगों के 25 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की गयी. जिनके यहां रेड मारा गया उनमें भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर सह लोजपा (रामविलास) के जिलाध्यक्ष राजेश वर्मा भी शामिल हैं. राजेश वर्मा के ठिकानों पर लगातार 24 घंटे से अधिक समय के बाद भी छापेमारी जारी है.

लगातार दूसरे दिन छापेमारी जारी

बुधवार को भागलपुर में इनकम टैक्स के द्वारा शुरू की गयी छापेमारी दूसरे दिन यानी गुरुवार को भी जारी है. भागलपुर के इतिहास में इसे इनकम टैक्स की सबसे बड़ी कार्रवाई बतायी जा रही है. इससे पहले इतना बड़ा और लंबे समय तक इनकम टैक्स ने कहीं शहर में छापा नहीं मारा था. निवर्तमान डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के खरमनचक स्थित घर और पिता के व्यावसायिक संस्थानों पर टीम ने रेड मारा.

प्रॉपर्टी से जुड़े कुछ अहम दस्तावेजों को सीज किया

राजेश वर्मा के खरमनचक स्थित घर पर इनकम टैक्स की टीम बुधवार से ही छापेमारी कर रही है. बुधवार देर रात को इनकम टैक्स के सूत्रों ने बताया कि ये छापेमारी गुरुवार को भी जारी रहेगी. जानकारी के अनुसार, इनकम टैक्स की टीम ने छापेमारी के दौरान प्रॉपर्टी से जुड़े कुछ अहम दस्तावेजों को सीज किया है. छापेमारी के बाद इसकी जांच की जाएगी. हालाकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.

Also Read: भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर सह लोजपा नेता राजेश वर्मा के ठिकानों पर Income Tax की ताबड़तोड़ छापेमारी
कौन है राजेश वर्मा

बता दें कि राजेश वर्मा भागलपुर के निवर्तमान डिप्टी मेयर हैं और विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान चिराग पासवान की पार्टी लोजपा(रामविलास) के उम्मीदवार रहे. वर्तमान में लोजपा (राम.) के भागलपुर जिलाध्यक्ष भी हैं.

गलत तरीके से सूद पैसा देने व संपत्ति हड़पने का आरोप

राजेश वर्मा का नाम हाल में ही चर्चे में रहे गुंडा बैंक में आया जब हाइकोर्ट ने एक आत्महत्या मामले में जांच के निर्देश दिये. इसमें अवैध तरीके से कर्ज देने और इसकी वसूली के नाम पर जमीन और संपत्ति कब्जा करने का धंधा करने का आरोप कुछ लोगों पर है. हालाकि इसकी जांच भी चल रही थी.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version