एहतियात: गरमी के साथ बीमारियां भी, रहें सतर्क

गया: गरमी का मौसम बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है. तापमान बढ़ने के साथ लोगों पर कई तरह की बीमारियों का हमला शुरू हो जाता है. चिकित्सकों के मुताबिक, मौसम में बदलाव के साथ ही वातावरण में वायरस सक्रिय हो जाते हैं, जिनकी वजह से वायरल बीमारी होने की आशंका रहती है. सर्दी-खांसी, बुखार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 20, 2017 9:31 AM
गया: गरमी का मौसम बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है. तापमान बढ़ने के साथ लोगों पर कई तरह की बीमारियों का हमला शुरू हो जाता है. चिकित्सकों के मुताबिक, मौसम में बदलाव के साथ ही वातावरण में वायरस सक्रिय हो जाते हैं, जिनकी वजह से वायरल बीमारी होने की आशंका रहती है. सर्दी-खांसी, बुखार व डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक के मामले भी सामने आते हैं. डाॅक्टर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. शरीर के प्रति थोड़ी-सी सावधानी इस मौसम में स्वस्थ रहने में मदद कर सकती है.
डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक हो सकता है जानलेवा : गरमी में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी के मामले अक्सर सामने आते हैं. देर तक धूप में रहने और अधिक परिश्रम करने की वजह से शरीर से पानी निकल जाता है. ऐसे में अगर व्यक्ति को पानी नहीं मिला, तो उसे डिहाइड्रेशन हो जायेगा. इस स्थिति में बेहोशी, कमजोरी, बुखार जैसी बीमारी हो जाती है. कई बार यह जानलेवा भी साबित होता है. वहीं, हीट स्ट्रोक भी गरमी के कारण ही होता है. डिहाइड्रेशन की वजह से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है जिससे शरीर का अंदरूनी तापमान बढ़ जाता है. इससे हीट स्ट्रोक होता है.
खतरनाक होता है पेन किलर
दर्द की दवाओं से परहेज करना गरमी में अक्लमंदी का काम है. डाॅ मृत्युंजय कुमार के मुताबिक पेन किलर सामान्य तौर पर भी किडनी को नुकसान पहुंचाता है. गरमी के दिनों में शरीर में पहले से ही पानी की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे में पेन किलर का सेवन किडनी पर असर डालता है. डाॅ कुमार ने कहा कि कांबीफ्लाम, न्यूमीस्लाइड जैसी दवाओं का भूल कर भी सेवन नहीं करें. उन्होंने कहा कि अगर इन दवाओं की जरूरत महसूस होती है, तो दवा खाने से पहले डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए.
बाजार में जूस पीने से करें परहेज
गरमी के दिनों में बाजार में जूस की मांग बढ़ जाती है. धूप में निकले लोग राहत के लिए जूस पीते हैं. लेकिन, लोगों को शायद ही यह पता हो कि बाजार में बिकनेवाले जूस शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. फिजिशियन डाॅ मृत्युंजय कुमार के मुताबिक बाजार में बिकनेवाले जूस में गंदा पानी होता है. जूस बेचनेवाले कहीं से भी पानी लेकर उसमें मिला देते हैं. खासकर गन्ने के जूस में खतरा अधिक होता है. गंदा पानी मिला जूस पीने से टाइफॉयड और हेपेटाइटिस ए व इ का खतरा बढ़ जाता है. डाॅ कुमार ने बताया कि गरमी के दिनों में इन बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि जूस पीने से बेहतर है कि साबुत फल खाया जाये.
बच्चों को डायरिया का खतरा
गरमी के मौसम में बच्चों को डायरिया होना सामान्य है, क्योंकि खाने-पीने के मामले में बच्चे लापरवाह होते हैं. साफ-सफाई में भी ऐसी ही स्थिति होती है. ऐसे में विषाणु आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. चिकित्सकों के मुताबिक इस मौसम में पाचन क्रिया भी कमजोर हो जाती है, इसलिए डायरिया की आशंका ज्यादा होती है. चिकित्सकों का कहना है कि अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की दिनचर्या पर नजर रखें. बाहर से आने के बाद उसके हाथ-पैर व चेहरे की सफाई जरूर करें. इसके साथ ही उसके खाने-पीने का भी विशेष खयाल रखेें.
नवजात का रखें विशेष ख्याल
इस मौसम में नवजातों का विशेष खयाल रखना चाहिए. अक्सर यह देखा जाता है कि बच्चे को ठंड न लग जाये, इसलिए उसे कपड़ों में लपेट कर रखा जाता है, लेकिन कपड़े लिपटे होने के कारण शरीर से गरमी बाहर नहीं निकल पाती है. अत: इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही बच्चों की मालिश में तेल का कम प्रयोग करना चाहिए क्योंकि लगातार तेल लगाने से बच्चों के शरीर के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं, जिससे शरीर की गरमी बाहर नहीं निकल पाती है. शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ ऋषिकेश के मुताबिक गरमी में नवजातके शरीर को पानी मिलता रहे, इसके लिए बहुत जरूरी है कि उसे हर दो घंटे के अंतराल पर दूध पिलाया जाये. दूध में 80% पानी होता है. मां को इसका ध्यान रखना चाहिए.

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