अनदेखी: पीजी इतिहास में सीटें बढ़ीं, संसाधन नहीं दो कमरों में 228 स्टूडेंट्स
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 60 से बढ़ा कर 228 तो कर दी गयी, लेकिन संसाधन बढ़ाने के लिए सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है. शिक्षकों की कमी से भी स्नातकोत्तर इतिहास विभाग जूझ रहा है. सीटों के मुताबिक क्लास रूम की भी […]
बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 60 से बढ़ा कर 228 तो कर दी गयी, लेकिन संसाधन बढ़ाने के लिए सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है. शिक्षकों की कमी से भी स्नातकोत्तर इतिहास विभाग जूझ रहा है. सीटों के मुताबिक क्लास रूम की भी व्यवस्था नहीं की गयी है. फिलहाल, उक्त विभाग में दो ही क्लास रूम हैं. स्नातकोत्तर इतिहास विभाग की ओर से एक और कमरे की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन, इससे समस्या का समाधान होगा. क्लास रूम की कमी की समस्या बरकरार रहेगी.
स्नातकोत्तर इतिहास के विभागाध्यक्ष डॉ पीयूष कमल सिन्हा ने बताया कि करीब छह वर्ष पहले उनके विभाग में 60 विद्यार्थियों का नामांकन होता था. लेकिन, राज्य सरकार ने स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में सीटों की संख्या बढ़ा कर 120 कर दी. इसके कुछ दिनों के बाद सीटों की संख्या बढ़ा कर 228 कर दी गयी.
लेकिन, सरकार ने नये शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की. सीटों के अनुसार, विभाग में कम से कम 12 शिक्षकों की जरूरत है. फिलहाल, छह शिक्षक (विभागाध्यक्ष मिलाकर) ही पोस्टेट हैं. शिक्षकों की नियुक्ति करने का दायित्व सरकार पर है. लेकिन, इस दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. विभागाध्यक्ष डॉ सिन्हा ने बताया कि उनके विभाग से संबंधित समस्याओं से कुलपति प्रो (डॉ) मोहम्मद इश्तियाक के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह अवगत हैं. समस्याओं को दूर करने के लिए कुलपति द्वारा ठोस कदम उठाया जा रहा है.