बुद्ध पूर्णिमा: रात में 500 श्रद्धालु करेंगे मेडिटेशन, 16 मई को इंटरनेशनल सेमिनार, 18 को मुख्य कार्यक्रम

बोधगया : बैसाख पूर्णिमा की रात में बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर परिसर में एक साथ 500 बौद्ध श्रद्धालु मेडिटेशन करेंगे. इसकी व्यवस्था की जा रही है. रात के नौ बजे से सुबह चार बजे तक मंदिर परिसर में बौद्ध श्रद्धालु साधना करेंगे व बुद्ध का ध्यान लगायेंगे. बुद्ध जयंती के अवसर पर बोधगया मंदिर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 14, 2019 6:08 AM
बोधगया : बैसाख पूर्णिमा की रात में बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर परिसर में एक साथ 500 बौद्ध श्रद्धालु मेडिटेशन करेंगे. इसकी व्यवस्था की जा रही है.
रात के नौ बजे से सुबह चार बजे तक मंदिर परिसर में बौद्ध श्रद्धालु साधना करेंगे व बुद्ध का ध्यान लगायेंगे. बुद्ध जयंती के अवसर पर बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा यह व्यवस्था की जा रही है. ज्ञात हो कि सात जुलाई 2013 के पहले महाबोधि मंदिर परिसर में रात को मेडिटेशन करने की सुविधा उपलब्ध थी, पर इसी दौरान मंदिर परिसर में सिलसिलेवार बम विस्फोट के बाद यह सुविधा बंद कर दी गयी थी. लेकिन, बुद्ध जयंती के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए एक रात के लिए यह मौका उपलब्ध करायी गयी है.
इंटरनेशनल सेमिनार में शामिल होंगे कई स्कॉलर : बुद्ध जयंती की शुरुआत 16 मई को ही ‘ बौद्ध धर्म : अंतरधार्मिक सौहार्द का संदेशवाहक’ विषय पर इंटरनेशनल सेमिनार के आयोजन से होगी.
यह महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया(श्रीलंका बौद्ध मठ) स्थित अनागारिक धर्मपाल मेमोरियल हॉल में मगध की आयुक्त टीएन बिंदेश्वरी व वरीय बौद्ध भिक्षु की मौजूदगी में शुरू होगी. छह सत्रों में आयोजित होने वाला दो दिवसीय सेमिनार में कोलकाता, दिल्ली, वाराणसी व बोधगया क्षेत्र के 16 बौद्ध स्कॉलर अपनी बात रखेंगे. इसके बाद बुद्ध जयंती का मुख्य समारोह 18 मई को महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष की छांव तले आयोजित की जायेगी.
तैयारी जोरों पर, देश-िवदेश पहुंचने लगे पर्यटक
िनकाला जायेगा शांति मार्च
इससे पहले बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं द्वारा 80 फुट बुद्ध मूर्ति से महाबोधि मंदिर तक शांति मार्च निकाला जायेगा. 17 मई को नि:शुल्क रिंग बस सेवा शुरू की जायेगी, जो गया रेलवे स्टेशन से बोधगया के लिए 19 मई तक बौद्ध श्रद्धालुओं की सेवा में लगी रहेगी. बीटीएमसी द्वारा यहां नि:शुल्क चिकित्सा शिविर भी शुरू करने की तैयारी है.

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